प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तमिलनाडु दौरे पर रहे। यहां उन्होंने दो मंदिरों में पूजा की। पीएम पहले तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर गए। उसके बाद अंदल नाम के हाथी को गुड़ खिलाया और आशीर्वाद लिया।
दोपहर में उन्होंने रामेश्वरम में रोड शो किया। इसके बाद पीएम ने रामेश्वरम के अग्नि तीर्थम पर डुबकी लगाई फिर भगवान रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा की। यहां उन्होंने रामायण पाठ और भजन संध्या में हिस्सा लिया।
श्री रंगनाथस्वामी और रामेश्वरम मंदिर भगवान राम के जीवन से जुड़े हैं। 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री उन मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं, जिनका रामायण में जिक्र है।
तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में ढट मोदी ने हाथी को माउथ ऑर्गन दिया जिसे हाथी ने अपनी सूंड से पकड़ा और बजाना शुरू कर दिया।
त्रिची के श्रीरंगम में बना श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि रंगनाथस्वामी मंदिर का निर्माण विजयनगर काल (1336-1565) के दौरान किया गया था। इस मंदिर का उल्लेख पुराणों समेत कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
यह अपनी स्थापत्य कला और गोपुरम के लिए मशहूर है। यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो भगवान विष्णु का लेटा हुआ रूप हैं। तमिल कवि कंबन ने यहां पहली बार कम्ब रामायणम को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था।
इस मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रामनाथस्वामी हैं, जो भगवान शिव का एक रूप हैं। यह मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना और पूजा श्री राम और माता सीता ने की थी। यह मंदिर सबसे लंबे गलियारे में से एक है, जो अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है।
21 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी धनुषकोडि के कोदंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद वे धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई भी जाएंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। यह मंदिर, श्री कोदंडाराम स्वामी को समर्पित है।
कोदंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी। कुछ किवदंतियां यह भी कहती हैं कि यही वह जगह है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के आंध्र प्रदेश-केरल दौरे पर थे। मंगलवार को उन्होंने लेपाक्षी पहुंचकर 486 साल पुराने वीरभद्र मंदिर में पूजा की। मंदिर परिसर में बैठकर पीएम मोदी ने राम भजन भी किया और रंगनाथ रामायण पर आधारित कठपुतलियों के जरिए प्रदर्शित रामकथा भी देखी।