शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर ऐतिहासिक वापसी, PM मोदी व CM योगी ने दी बधाई

भारत के लिए एक गौरवशाली क्षण सामने आया है, जब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए। वह निजी अंतरिक्ष मिशन एक्सिओम-4 के चालक दल का हिस्सा थे। यह मिशन 18 दिन तक चला और अब अंतरिक्ष यान ड्रैगन एक्सिओम-4 ने उन्हें और अन्य तीन एस्ट्रोनॉट्स को लेकर सुरक्षित प्रशांत महासागर में लैंडिंग की।

यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक मील का पत्थर है क्योंकि शुभांशु शुक्ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय वायुसेना अधिकारी बन गए हैं। उनकी वापसी पर पूरा देश गर्व और उत्साह से झूम उठा है।

शुभांशु की वापसी पर उनके परिवार ने लखनऊ में जश्न मनाया। उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा, यह हमारे लिए गर्व और भावनाओं से भरा हुआ क्षण है। हम शुरुआत में डरे हुए थे, लेकिन आज खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। आने वाली पीढ़ी को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी और ट्विटर पर लिखा,मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की दिशा में एक और मील का पत्थर है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें बधाई दी और ट्विटर पर लिखा-

पृथ्वी पर आपका स्वागत है!

ऐतिहासिक #AxiomMission4 को सफलतापूर्वक पूरा कर सकुशल वापसी पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जी और उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई!आपकी यह उपलब्धि साहस, समर्पण और विज्ञान के प्रति आपके दृढ़ संकल्प का गौरवपूर्ण प्रतीक है। आज हर भारतीय, विशेषकर उत्तर प्रदेश का प्रत्येक नागरिक गौरवान्वित महसूस कर रहा है। भारत आपके स्वागत को उत्सुक है।

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी शुक्ला की वापसी पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “भारत ने आज अंतरिक्ष की दुनिया में सचमुच एक स्थायी स्थान बना लिया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी सामर्थ्य का प्रमाण है। यह क्षण भारत के लिए गौरव का है।

अंतरिक्ष यान एक्सिओम-4 का यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारत के भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों, विशेषकर गगनयान मिशन के लिए आधारशिला साबित होगा। शुभांशु शुक्ला की यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई ऊँचाई देगी।

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