ऊर्जा, उत्साह और जीवन का संदेश देते चित्र

21 जनवरी तक चलेगी अभिव्यक्ति की प्रदर्शनी
लखनऊ। सिनैप्स इंटरनेशनल आर्ट गैलरी सेण्ट्रम होटल में आयोजित समूह चित्र प्रदर्शनी ‘अभिव्यक्ति : ब्रश स्ट्रोक का आह्वान’ 21 जनवरी तक जारी रहेगी। प्रदर्शनी में पूरे देश के अलग-अलग शहरों के सात प्रतिभाशाली कलाकारों के बनाए चित्र प्रदर्शित हैं। इन कलाकारों में आशीष मंडल, मोनालिसा सरकार मित्रा, प्रभात जोशी, अविनाश यादव, बिभास बैद्य, सुरेश कुमार सौरभ और संजी जीएन केतान शामिल हैं।
इस प्रदर्शनी में वाराणसी के प्रतिष्ठित घाटों, मंदिरों और उनके निवासियों के जीवंत जीवनशैली को दशार्या गया है। यह प्रदर्शनी आंदोलन की गतिशीलता और जीवन की जीवंत भावना को पकड़ने का प्रयास करती है, साथ ही साथ इंप्रेशनिज्म, क्लासिसिज्म और रोमांटिसिज्म के तत्वों को मिलाती है।
प्रदर्शनी के कलाकारों की कलाकृतियाँ सार्वभौमिक प्रेम को व्यक्त करने का प्रयास करती हैं। कहीं प्रकृति में शांति की विरोधाभासी उपस्थिति को उजागर किया गया है तो कहीं आध्यात्मिक संबंधों पर जोर दिया गया है। उसी तरह कुछ चित्रों में बचपन की कहानियों और स्मृतियों पर प्रतिबिंबित किया गया है।
आशीष मंडल ने चित्रों में विविधता भरे रंगों का उपयोग कर ऊर्जा और उत्साह के संचार का संदेश दिया है। उनके रचे चित्रों में क्यूबिज्म और चित्रात्मक अभिव्यक्ति का प्रभावपूर्ण संयोजन है। सुरेश कुमार सौरभ ने प्राचीन शहर काशी की संस्कृति को रूपांतरित करने का यत्न किया है। मोनालिसा सरकार के चित्र सहज हैं पर उनमें एक किस्म की रूमानियत भी झलकती है। प्रभात जोशी के कार्यों में प्रतीकवाद का उम्मीद भरा उपयोग किया गया है। यहां बीज, फूल, जीव और चंद्रमा आदि सभी जीवित प्राणियों के आपसी संबंध को मिश्रित माध्यमों में सामने रखने का प्रयास है। अविनाश यादव परिदृश्यों पर जोर देते हैं क्योंकि वह गहरे विषयों का अन्वेषण करते हैं। संजी जी एन केतान के चित्रों में गोवंश है, जहां वे आस्था और आध्यात्मिक संबंध रंगों में उतार कर सामने लाते हैं। बिभास बैद्य की उम्र के बदलती मनुष्य की मानसिकता का चित्रण है। बचपन और युवावस्था की सोच को प्रतिबिंबित करते इन चित्रों में प्रकृति है तो मानवीय अभिलाषाओं को भी उभारा गया है। यह प्रदर्शनी गैलरी के संस्थापक और निदेशक राकेश कुमार मौर्य के संयोजन में लगायी गयी है।

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