वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। लोगों में बढ़ रही हड्डियों की बीमारी पर संजय गांधी पीजीआई शोध करेगा। यहां के विशेषज्ञ यह भी पता लगाया कि असमय हो रहे इस रोग के कारण और उपचार क्या है।
केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नोलॉजी (डीबीटी) ने पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग को अहम जिम्मेदारी दी है। इस योजना के लिए आठ करोड़ बजट मिला है। संस्थान के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग में एचआर सीटी और बोन बायोप्सी की सुविधा नवम्बर से शुरू होगी। डीबीटी सहज योजना के नोडल व पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉ. सुशील गुप्ता का कहना है कि यह देश की पहली योजना है।
शोध के जरिये हड्डी के कमजोर व खोखले होने की बीमारी आस्टियोपोरोसिस व आस्टियोमलेशिया के कारण और उपचार की नई तकनीक पर शोध करेंगे। आस्टियोपोरोसिस में हड्डियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। जबकि आस्टियोमलेशिया में आस्टियोपोरोसिस के मुकाबले हड्डियों में फ्रैक्चर कम होता है।
डा. गुप्ता ने बताया कि माइक्रो स्तर पर हड्डी में होने वाले बदलाव को जानने के लिए हाई रिजोल्यूशन सीटी (एचआर सीटी) की सुविधा संस्थान में नवम्बर से शुरू हो रही है। इस जांच से हड्डियों के कमजोर होने का सटीक एवं सही पता लगाना आसान होगा। इसके अलावा इस योजना के तहत संस्थान में बोन बायोप्सी की सुविधा शुरू की जा रही है। डा. गुप्ता का कहना है कि डायबिटीज मरीजों में ओस्टियोपोरोसिस होने की सम्भावना अधिक होती है।