मुंबई। निवेशकों की रूचि म्यूचअल फंड में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) की तरफ ज्यादा बढ़ रही है। इसका परिणाम अगस्त माह में देखने को मिला है। पिछले महीने एसआईपी के माध्यम से रिकॉर्ड 15,813 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में बॉन्ड और प्रतिभूतियों से जुड़ी योजनाओं से शुद्ध रूप से 25,872 करोड़ रुपये निकाले गये।
एम्फी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एन. एस. वेंकटेश ने कहा कि अतिरिक्त नकदी खत्म करने के लिए रिजर्व बैंक के वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) उपाय ने बॉन्ड के मामले में उद्योग के प्रदर्शन को आंशिक रूप से प्रभावित किया। इसका कारण ऐसी योजनाओं को बैंकों द्वारा ट्रेजरी प्रबंधन के नजरिए से भी देखा जाता है। वेंकटेश ने कहा कि अगस्त के अंत में एसआईपी के लिए कुल प्रबंधन अधीन संपत्ति (एयूएम) 8.47 लाख करोड़ रुपये रही। इस महीने रिकॉर्ड 35 लाख नई एसआईपी शुरू हुईं।
अगस्त के अंत तक इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं (इक्विटी और बॉन्ड दोनों में निवेश से जुड़ी योजना) पर खुदरा निवेशकों का कुल एयूएम 12.30 करोड़ पोर्टफोलियो में 24.38 लाख करोड़ रुपये था।
वेंकटेश ने कहा कि अगस्त में रिकॉर्ड 19.58 लाख एसआईपी बंद हो गए या उनकी अवधि पूरी हो गई। जुलाई में यह संख्या 17 लाख से अधिक थी। म्यूचुअल फंड उद्योग का कुल एयूएम अगस्त में बढ़कर 46.93 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जुलाई में 46.37 लाख करोड़ रुपये था।
एसआईपी में लोग नियमित अंतराल यानी मासिक आधार पर 500 रुपये की शुरुआती राशि से निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड उद्योग काफी हद तक एसआईपी के जरिये होने वाले निवेश पर निर्भर है। इस उद्योग में 43 कंपनियां हैं।
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