लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरूवार को कहा कि देश की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए पेट्रोलियम उत्पाद अत्यन्त आवश्यक है लेकिन इसका अपव्यय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है तथा इसका हमारे विदेशी मुद्रा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में इंडियन आयल द्वारा ईंधन संरक्षण एवं बचत के सम्बन्ध में आयोजित ‘संरक्षण क्षमता महोत्सव-2020’ का उद्घाटन करते हुए पटेल ने कहा कि ईंधन की खपत कम करने के लिए पूरे एक माह तक चलने वाले महोत्सव के माध्यम से आमजन को उनके द्वारा उपयोग किए जा रहे पेट्रोलियम उत्पादों के सही प्रयोग और ऊर्जा संरक्षण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के विषय में जागरूक और प्रेरित किया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि देश में पेट्रोलियम पदार्थ की खपत का असर हमारी अर्थव्यवस्था पर सीधे बढता है। उन्होंने एथनाल ऊर्जा का ज्यादा प्रयोग करने पर बल देते हुए कहा कि एथनॉल ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जो वैकल्पिक ऊर्जा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने आयात की निर्रभता को कम करने, कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल में 5 प्रतिशत के अनुपात में एथनॉल को मिश्रित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि एथनॉल में पेट्रोल के मुकाबले प्रति लीटर यूनिट लगभग 34 प्रतिशत कम ऊर्जा होती है, परन्तु इथनॉल में ऑकटेन रेटिंग अपेक्षाकृत अधिक होती है।
पटेल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण की स्थिति अत्यन्त सोचनीय है। प्रदूषण के संबंध में किये गये 27 शहरों के सर्वेक्षण में लखनऊ देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में से एक पाया गया। उन्होंने कहा कि इसलिये एथनॉल के साथ ही साथ स्वच्छ ईंधन के अन्य विकल्प के रूप में सीएनजी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्यपाल ने जनता से अपील की कि वे परम्परागत ईंधन के विकल्पों के स्थान पर अब सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को वरीयता दें, जिससे पर्यावरण संरक्षित हो।
राज्यपाल ने कहा कि सक्षम-2020 के अन्तर्गत पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण को सीधे जनता से जोड़कर एक प्रभावी नारे के साथ इस अ•िायान को सरल एवं उत्साहवर्धक बनाया गया है। इस वर्ष सक्षम का नारा है ‘ईधन अधिक न खपाएं, आओ पर्यावरण बचाएं’। उन्होंने कहा कि यह जन-जागरण अभियान जनता को यह बताने में अवश्य सफल होगा कि पेट्रोलियम उत्पादों का संरक्षण क्यों जरूरी है और इसे कैसे अपनाया जा सकता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने ईंधन की बचत के लिए ‘संरक्षण क्षमता महोत्सव’ की शपथ भी दिलायी। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप लोग थोड़ा ध्यान देकर ऊर्जा संरक्षण में अधिक योगदान दे सकते हैं। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक राजशेखर ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण एवं तेल की कम खपत करने के सम्बन्ध में आयल कम्पनियों द्वारा देश में कराये गये सर्वेक्षण में परिवहन निगमों के 12 डिपो में से 6 डिपो उत्तर प्रदेश के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम अपने 22000 चालकों को बसों के रख-रखाव एवं ईंधन की कम खपत के लिए प्रशिक्षण दिलायेगा तथा यूरो 6 एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने परिवहन निगम के 6 डिपो के अधिकारियों को डीजल की औसत बेहतर करने के लिए प्रशस्ति पत्र एवं प्रत्येक डिपो को 50 हजार रुपए का पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने पुलिस माडर्न स्कूल पुलिस लाइन तथा गोमतीनगर के दोनों प्रधानाचार्यों को ऊर्जा संरक्षण के विषय में बच्चों को जागरूक करने के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर स्टेट लेवल कोऑर्डिनेटर अरूण कुमार गंजू, एचपीसीएल के अधिकारी संजय मेहरोत्रा, बीपीसीएल के अधिकारी प्रवीर माटू, जीएआईएल के अधिकारी आरके दास सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।