वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने पीसीएफ के विगत छ: वर्षों में किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सहकारिता विभाग तथा पीसीएफ नये आयामों को छू रहा है। चाहे बात उर्वरक या बीज उपलब्ध कराने की हो, मूल्य समर्थन योजना के तहत कृषकों की उपज जैसे गेहूं, धान दलहन-तिलहन का क्रय करने की हो अथवा वेयर हाउसिंग की हो पीसीएफ द्वारा सभी क्षेत्रों में सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
श्री राठौर ने ये बातें गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित पीसीएफ की 50वीं वार्षिक सामान्य निकाय की बैठक में कही। इस अवसर पर पीसीएफ के नये वेब पोर्टल एवं मोबाईल एप्लीकेशन का विमोचन भी किया गया। उन्होंने कहा कि पीसीएफ का सहकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान है, बिना पीसीएफ के कृषक हित एवं सहकारिता अभियान को गति देना असंभव है। पीसीएफ द्वारा सहकार से समृद्धि की संकल्पना को चरितार्थ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों ने बी-पैक्स सदस्यता महाअभियान में बढ़-चढ़कर सदस्यता ली है, जिसके परिणामस्वरूप सितम्बर माह में आयोजित सदस्यता महाअभियान में 29 लाख नए सदस्य बने, बल्कि लगभग 70 करोड़ रुपये की अंशपूंजी भी संचित की गयी। किसानों के इस भरोसे को कायम रखते हुए उनके हित के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि पीसीएफ द्वारा कुछ नये व्यवसाय संचालित किये जाने की कार्य योजना बनायी गयी है। कृषक सेवा केंद्रों को आधुनिक सेवाओं व संसाधनों युक्त करते हुए आधार का कार्य, प्रधानमंत्री जन औषधि योजनांतर्गत औषधि वितरण का कार्य, जनसेवा केंद्रों (सीएससी) के रूप में कार्य करना कृषक सेवा केंद्रों तथा जनपद में संचालित एफपीओ के माध्यम व्यावसायिक विविधिकरण योजना के अन्तर्गत कार्य, माइक्रो एटीएम के संचालन का कार्य, पीसीएफ के निष्प्रयोज्य सम्पत्तियों पर 26 पेट्रोल पम्प संचालन किये जाने की योजना तैयार की गयी है।
वर्तमान में पीसीएफ 11.48 करोड़ रुपये के लाभ में है, अगले वर्ष तक इसे 100 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर सिंह द्वारा पीसीएफ के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र में कृषक हित में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पीसीएफ अत्यन्त तत्परता के साथ समितियों तथा उर्वरक बिकी केन्द्रों पर उर्वरक उपलब्ध करा रहा है। इस अवसर पर एमएलसी भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि सहकारिता हमारे सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग है। सभी सहकारी संस्थायें आमजन व किसानों के बेहतरी के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
पीसीएफ के चेयरमैन बाल्मिकी त्रिपाठी ने कहा कि पीसीएफ संस्था सहकारिता क्षेत्र की शीर्ष संस्था है, जिसकी नींव 1943 में मात्र 30 व्यक्तियों के कार्यदल एवं 13600 रुपये की प्रारम्भिक पूंजी से रखी गयी थी। वर्तमान में पीसीएफ के पास लगभग 1400 व्यक्तियों का कार्यदल व 79.95 करोड़ रुपये की अंश पूंजी है। प्रबंध निदेशक इफ्को उदय शंकर अवस्थी ने कहा कि हमें कृषि क्षेत्र में पूर्णत: आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है न केवल उपज के क्षेत्र में बल्कि कृषि सम्बन्धी उपकरणों व उवर्रकों में भी आत्मनिर्भर बनना है।
इसी को ध्यान में रखते हुए इफ्को द्वारा दुनिया में पहली बार नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का अविष्कार करते हुए इसका उत्पादन शुरू किया गया, जिससे उवर्रक के आयात में काफी कमी आयी है। साथ ही साथ इसकी लागत कम होने के कारण किसानों को भी आर्थिक लाभ हो रहा है। बैठक में पूर्व मंत्री मोती सिंह, उपाध्यक्ष इफको बलवीर सिंह, प्रमुख सचिव सहकारिता बीएल मीणा, प्रबंध निदेशक पीसीएफ श्री संजय कुमार सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रबंध निदेशक, पीसीएफ के प्रतिनिधि उपस्थित रहें। अंत में उप सभापति पीसीएफ रमाशंकर जायसवाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।