भारत में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन की संसदीय समीक्षा शुरू हुई : उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि संसदीय समितियों ने संसद सत्र की अंतिम बैठक के साढ़े तीन महीनों में ही कोविड-19 महामारी के प्रबंधन की समीक्षा शुरू कर दी है और देश के मौजूदा हालात देखते हुए इससे कम समय में संसदीय समीक्षा करना संभव भी नहीं था। महामारी के समय मीडिया की भूमिका की प्रशंसा करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में उपराष्ट्रपति ने कहा, मैंने और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसदीय समितियों की बैठकों और संसद के मानसून सत्र को लेकर अब तक कई बैठकें की हैं।

संक्रमण से बचने के लिए जरूरी भौतिक दूरी के मानदंड को देखते हुए, सांसदों के बैठने की व्यवस्था के लिए विस्तृत विचार-विमर्श और योजना की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, सरकार ने भी मानसून सत्र सुनिश्चित करने के लिए हाल ही में दोनों पीठासीन अधिकारियों से बात की है। हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।

नायडू ने कहा कि मई में घरेलू हवाई यात्रा पर प्रतिबंधों में ढील देने और रेल यात्रा से भी कुछ हद तक रोक हटने के साथ, इस महीने से संसद के दोनों सदनों की विभाग संबंधी स्थाई समितियों ने अपनी बैठकें फिर से शुरू कर दी हैं। उन्होंने महामारी के प्रबंधन और इसके विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की है। राज्यसभा के सभापति ने कहा कि महामारी के प्रबंधन की संसदीय समीक्षा के विषय को उठाया जा सकता है जिसकी चर्चा मीडिया में कहीं-कहीं की भी जा रही है।

उन्होंने कहा कि संसद के पिछले बजट सत्र को तय समय से कुछ दिन पहले ही रोकना पड़ा क्योंकि सांसद इस संकट की घड़ी में अपने लोगों के साथ रहना चाहते थे। तदनुसार 23 मार्च, 2020 को दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। नायडू ने कहा कि संविधान के अनुसार, संसद को अंतिम बैठक के छह महीने के भीतर पुन: बैठक करनी होती है। अतीत में कुछ अपवादों के साथ, आम तौर पर, मानसून सत्र हर साल जुलाई में शुरू होता है। इस वर्ष महामारी के कारण स्थिति असामान्य है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें पिछले चार महीनों से हर रोज महामारी से निपटने में जुटी हैं। जनप्रतिनिधि, प्रतिबंधों के अनुशासन में भी अपने लोगों और स्थानीय निकायों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में कम से कम चार संसदीय समितियों की बैठक हुई जिसमें गृह मामलों तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मामलों से संबंधित समितियां शामिल हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा, मैं एक बार फिर, इस महामारी से निपटने के लिए लोगों को सूचित करने, शिक्षित करने और उन्हें सशक्त बनाने के अपने दायित्व का प्रभावी ढंग से निर्वहन करने के लिए और इस संकट के दौरान एक भरोसेमंद साथी के रूप में हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए, मीडिया और मीडियाकर्मियों का अभिनंदन करता हूं।

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