तिरुवनंतपुरम । केरल में साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और राज्य के साइबर पुलिस थानों में एक सितंबर से अब तक 23 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि एक से 13 सितंबर के बीच हुए इन मामलों में पीड़ितों को कुल मिलाकर 33 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। सबसे बड़े नुकसान की घटना कोच्चि में सामने आई जहां दवा के कारोबार से जुड़े व्यवसायी के साथ कैपिटलिक्स नामक एक फर्जी आनलाइन शेयर ट्रेडिंग मंच पर निवेश के नाम से 24.76 करोड़ रुपये की ठगी की गई। तिरुवनंतपुरम साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, कोच्चि का मामला सामने आने के बाद कई अन्य लोगों ने ऐसी ही शिकायतें पुलिस से कीं। पीड़ितों में दो डॉक्टर भी शामिल हैं।
हमें आने वाले दिनों में ऐसी और शिकायतें मिलने की आशंका है। पुलिस के अनुसार, कोच्चि के व्यवसायी के अलावा इडुक्की के एक चिकित्सक के साथ भी इसी तरह से 1.63 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई वहीं वायनाड के एक निवासी को 1.03 करोड़ रुपये की चपत लगाई गई। अधिकारियों ने उन कई बैंक खातों पर रोक लगा दी है जिनमें यह पैसा स्थानांतरित किया गया था। पुलिस ने कहा,सभी घटनाओं को अंजाम देने का तरीका एक ही है कि लोगों को उच्च फायदे (रिटर्न) का वादा करके फुसलाया जाता है, उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर मुनाफा दिखाने वाले फर्जी ट्रेडिंग ऐप तक पहुंच दी जाती है लेकिन वे अपना पैसा वापस प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
तिरुवनंतपुरम की साइबर पुलिस ने इस महीने छह मामले दर्ज किए। इसी तरह कासरगोड साइबर पुलिस ने भी इस महीने आॅनलाइन निवेश धोखाधड़ी के चार मामले दर्ज किए। पलक्कड़, वायनाड और अलप्पुझा के साइबर पुलिस थानों में दो-दो मामले दर्ज किए गए। पुलिस ने बताया कि इसके अतिरिक्त कोच्चि, तिरुवनंतपुरम ग्रामीण, इडुक्की, कोल्लम शहर, कोल्लम ग्रामीण, मलप्पुरम और त्रिशूर ग्रामीण के साइबर पुलिस थानों में भी मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले हफ्ते केरल पुलिस ने जनता को बढ़ते आनलाइन निवेश घोटालों के बारे में आगाह किया था। उन्होंने कोई भी संदिग्ध निवेश विज्ञापन दिखाई देने या उसका शिकार होने वाले लोगों से साइबर हेल्पलाइन पर या राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से तुरंत इसकी सूचना देने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने कहा कि धनराशि की वसूली की सर्वाेत्तम संभावना के लिए रिपोर्ट एक घंटे के भीतर की जानी चाहिए।