केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है! मोदी सरकार ने एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सरकारी कर्मचारियों को अंग दान करने पर 30 दिन की विशेष छुट्टी देने का ऐलान किया है। अब अंग दान करने के लिए उन्हें अपनी किसी दूसरी छुट्टी, जैसे आकस्मिक अवकाश, अर्जित अवकाश या चिकित्सीय अवकाश का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा, बल्कि उन्हें वेतन सहित एक अलग से ‘खास लीव’ मिलेगी।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के अधीन कार्यरत कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने इस संबंध में सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को सर्कुलर जारी कर इसकी जानकारी दी है। इस फैसले के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश में अंग दान को बढ़ावा मिले और कोई भी कर्मचारी अपनी सेवा की बाध्यताओं या वेतन कटने के डर से इस नेक कार्य से पीछे न हटे।
नई नीति के अनुसार, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी किसी दूसरे व्यक्ति को अपने अंग या ऊतक दान करता है, तो उसे अधिकतम 30 दिनों का विशेष अवकाश मिलेगा। खास बात यह है कि इस अवधि के दौरान उसकी सैलरी में कोई कटौती नहीं की जाएगी, यानी उसे पूर्ण वेतन का लाभ मिलता रहेगा। यह विशेष अवकाश उस दिन से शुरू होगा जिस दिन अंग या ऊतक निकाला जाएगा, और इसे चिकित्सा विशेषज्ञ की सिफारिश पर अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तारीख से भी लिया जा सकेगा।
हालांकि, कुछ असाधारण मामलों में, यदि प्राप्तकर्ता (रेसिपिएंट) गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना कर रहा है, तो विभाग प्रमुख या हेड ऑफ डिपार्टमेंट मेडिकल राय के आधार पर इस छुट्टी की अवधि को अधिकतम 42 दिनों तक बढ़ाने का फैसला कर सकते हैं। यह सुनिश्चित करना भी अनिवार्य होगा कि इस छुट्टी का उपयोग केवल अंग दान के वास्तविक उद्देश्य के लिए ही किया जाए। यह सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक कल्याण के लिए आगे बढ़ने और जीवन बचाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक दूरगामी कदम माना जा रहा है।