लखनऊ। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की हरी झंडी के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की ‘ऑन डिमांड’ टेस्ट की सुविधा शुरू होगी। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि सरकार द्वारा अब ऑन डिमाॅड टेस्ट की स्वीकृति भी दे दी गयी हैं।
बिना प्रिस्क्रिप्शन के भी व्यक्ति करा सकेगा जांच
प्रसाद ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित के संपर्क में रहा है तो वह अपनी जांच करा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को बाहर जाने के लिए कोविड-19 निगेटिव टेस्ट प्रणाम पत्र के लिए अपनी जांच करा सकता है। एक से ज़्यादा जगह पर जांच कराने के लिए एक ही पहचान पत्र की छायाप्रति देनी अनिवार्य होगी। उन्होंने बताया कि कोविड टेस्ट तथा निजी चिकित्सालयों की दरे निर्धारित कर दी गई है।
संक्रमण की जांच नीति में एक बार फिर से किया गया बदलाव
दरअसल, देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच संक्रमण की जांच नीति में एक बार फिर से बदलाव किया गया है। देश में अब कोविड-19 के लिए टेस्टिंग ऑन डिमांड की इजाजत दे दी है। आईसीएमआर ने कोविड-19 जांच रणनीति के लिए परामर्श जारी की है, जिसमें व्यक्ति की मांग पर संक्रमण की जांच करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, राज्यों को अपने विवेकाधिकार के आधार पर इसमें संशोधन करने की अनुमति भी दी गई है। अब कोई भी अपना कोरोनो वायरस टेस्ट करा सकता है, भले ही उनके पास कोई प्रिस्क्रिप्शन हो या नहीं।
कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से हो रहा
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में गुरुवार को एक दिन में 1,50,652 सैम्पल की जांच की गयी, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर के माध्यम से 50 हजार से ज़्यादा जांच की गयी। जो देश में सबसे ज़्यादा है।
प्रदेश में अब तक कुल 72,17,980 सैंपल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी के माध्यम से कल एक दिन 2153 लोगों ने चिकित्सीय परामर्श लिया है। अब तक कुल 70,409 लोगों ने ई-संजीवनी के माध्यम से चिकित्सीय परामर्श ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप द्वारा 10,62,965 लोगों को अलर्ट किया गया। इस पर स्वास्थ्य विभाग और सीएम हेल्प लाइन के माध्यम से जानकारी प्राप्त की गयी।