लखनऊ। फिरकी गेंदबाज कुलदीप यादव को लगता है कि गेंद को चमकाने के लिये लार का इस्तेमाल करने की बचपन की आदत से एकदम से छुटकारा पाना आसान नहीं है लेकिन अभ्यास के इन दिनों में यह चाइनामैन गेंदबाज कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई नयी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने में लगा हुआ है।
अनिल कुंबले की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने हाल में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये लार का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। किसी भी गेंदबाज के लिये इन परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना आसान नहीं होगा और इनमें कुलदीप भी शामिल हैं।
भारत की तरफ से छह टेस्ट और 60 वनडे खेल चुके कुलदीप ने भाषा से साक्षात्कार में कहा, बचपन से गेंद को चमकाने के लिये सभी क्रिकेट खिलाड़ी लार का इस्तेमाल करते है लेकिन अब कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ऐसा करने पर मनाही हो गयी है, जिससे गेंदबाजो के लिये काफी मुश्किल होगी क्योंकि यह लार लगाने की आदत आज की नही बरसों पुरानी है।
उन्होंने कहा,फिलहाल तो मैं बिना लार लगाये गेंदबाजी करने का प्रयास कर रहा हूं। पर मुझे उम्मीद है कि जब क्रिकेट अपनी पूरी रफ्तार से शुरू हो तो तब तक शायद कोरोना वायरस संक्रमण समाप्त हो जाए या कोई और विकल्प निकल आये। मैं अभ्यास के दौरान अपनी बरसों पुरानी इस आदत को छोड़ने की कोशिश कर रहा हूं।
कुलदीप ने कहा कि क्रिकेटरों को भी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा,मैंने लाकडाउन का पूरी तरह से पालन किया। अब जब लाकडाउन खुल गया तो मैंने कानपुर के लाल बंगले इलाके में रोवर्स मैदान पर अभ्यास आरंभ कर दिया है। मैं अपने कोच कपिल पांडेय के साथ सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक अपनी फिटनेस पर काम करता हूं उसके बाद शाम चार बजे से आठ बजे तक गेंदबाजी का अभ्यास करता हूं।
कुलदीप ने कहा,मैंने एक सप्ताह पहले ही अभ्यास शुरू किया था और मुझे विश्वास है कि जल्द ही मैं पूरी तरह से मैदान में वापसी के लिये तैयार हो जाऊंगा। मैं खुद क्रिकेट के मैदान पर वापसी के लिये बेकरार हूं। इस 25 वर्षीय स्पिनर ने इसके साथ ही कहा कि अगर परिस्थितियां अनकुल रही तो इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन किया जाना चाहिए।