नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोरखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्श्यों एवं लक्ष्यों को हासिल करने में सहयोग के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिए छात्रों एवं शिक्षकों का समग्र विकास (सार्थक) योजना की शुरूआत की। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सार्थक योजना की रूपरेखा तैयार की है।
इसे देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के तहत जारी किया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने सभी पक्षकारों से सार्थक का उपयोग स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधार के अनुपालन की दिशा में मार्गदर्शक के रूप में करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सार्थक योजना संवादात्मक, लचीली और समावेशी है।
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर एक वर्ष की कार्ययोजना तैयार की है। राज्यों को अपनी स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे अपनाने और परिवर्तन करने की छूट दी गई है। सार्थक योजना को राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों से व्यापक विचार विमर्श और सभी पक्षकारों के सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। इस संबंध में करीब 7177 सुझाव प्राप्त हुए थे।
निशंक ने कहा कि सार्थक योजना के तहत कार्याे एवं गतिविधियों को इस तरह से परिभाषित किया गया है ताकि लक्ष्य, परिणाम और समयसीमा का उल्लेख हो। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों को 297 कार्यों के साथ जोड़ा गया और जिम्मेदार एजेंसियां एवं समयसीमा भी तय की गई है। इन कार्याे के लिए 304 परिणाम निर्धारित किए गए हैं।