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बच्चे के भावी जीवन की आधारशिला प्रारंभिक शिक्षा पर दिया गया है ज़ोर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में देश को ताकतवर बनाने, विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने, नागरिकों को और सशक्त करने के लिए ज्यादा से ज्यादा नये अवसर बनाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
राज्यपाल ने लखनऊ से द एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ऑफ़ इंडिया (एसोचैम) नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को नयी दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। नयी शिक्षा नीति से भारतीय शिक्षा तंत्र अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के करीब पहुंचेगा।
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा पर जोर दिया गया है। बुनियादी शिक्षा ही बच्चे के भावी जीवन की आधारशिला होती है। नयी शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में अध्ययन को महत्व दिया गया है। इससे बाल मन सहजता से पुष्पित और पल्लवित हो सकेगा।
इस नीति में नैतिकता, मानवीय मूल्यों और संवैधानिक अपेक्षाओं से बच्चों को परिचित कराने की ज़रूरत पर अनेक सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बरसों से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था में जो बदलाव लोग चाहते थे, उसका पूरा ध्यान रखा गया है। यह नीति कौशल आधारित समझ और रोजगारपरकता को लेकर बहुत गंभीर है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके क्रियान्वयन के लिए टास्क फोर्स का गठन कर लिया है, जो प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए रोड मैप तैयार करेगी, ताकि राज्य शिक्षा प्रणाली में और सुधार हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य अच्छे नागरिक बनाना है। शिक्षा से हर वर्ग को अपेक्षाएं हैं। सभी को अच्छे स्कूल में अच्छी गुणवत्तायुक्त और कौशल सिखाने वाली शिक्षा चाहिए। सभी को ऐसी शिक्षा चाहिए जो जीविकोपार्जन से जोड़े और व्यक्तित्व में आत्मविश्वास उत्पन्न करे।
आनंदीबेन पटेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि द एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ़ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज ऑफ़ इण्डिया (एसोचैम) जैसे संगठन जो उद्योग और व्यावसायिक नोट्स तैयार करने के साथ शैक्षणिक संस्थानों की नेटवर्किंग के मामले में काफी संवेदनशीलता दिखा रही है।