राष्ट्रीय महिला आयोग ने सुदीक्षा प्रकरण की स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच के दिए आदेश

बुलंदशहर/लखनऊ। अमेरिका के एक कॉलेज की छात्रा की बुलंदशहर में कथित रूप से कुछ मनचलों की हरकत के कारण हुए हादसे में मृत्यु हो गई। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए प्रकरण की स्वतंत्र, निष्पक्ष और त्वरित जांच के आदेश दिए हैं।

वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा है। आम आदमी पार्टी ने सरकार से पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता देने की मांग की है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह वारदात सोमवार को बुलंदशहर जिले के औरंगाबाद इलाके में हुई जब सुदीक्षा भाटी (20) नामक छात्रा अपने छोटे भाई के साथ मोटरसाइकिल से गौतम बुद्ध नगर के दादरी स्थित अपने घर से अपने मामा के घर खानपुर जा रही थी। रास्ते में बुलंदशहर के औरंगाबाद इलाके में उसकी मोटरसाइकिल के आगे चल रही बाइक के चालक ने अचानक अपनी गाड़ी रोक दी जिससे सुदीक्षा की मोटरसाइकिल उसमें पीछे से जा टकराई।

अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई सुदीक्षा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

सुदीक्षा के परिजन का आरोप है कि जब वह अपने मामा के घर जा रही थी तब कुछ अज्ञात लोगों ने उससे छेड़खानी की कोशिश की और उसका पीछा किया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।

एक वायरल वीडियो में कथित रूप से सुदीक्षा का भाई यह कह रहा है कि वह मोटरसाइकिल चला रहा था तभी एक बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार कुछ लोग उसके वाहन के आगे आए और अचानक ब्रेक लगा दी। उनकी मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट पर ‘जट बॉयज’ लिखा हुआ था और गाड़ी नंबर की शुरुआत ‘यूपी 13’ से थी।

हालांकि, अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सुदीक्षा के भाई ने घटना के समय पुलिस को छेड़खानी के बारे में कुछ नहीं बताया था।

बहरहाल, बुलंदशहर के जिला अधिकारी रवींद्र कुमार ने कहा कि वह छेड़खानी के आरोपों की जांच करा रहे हैं। इस मामले से संबंधित सभी लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे और सबूतों के आधार पर जांच होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुदीक्षा का छोटा भाई बिना हेलमेट लगाए गाड़ी चला रहा था।

जिला पुलिस ने सुदीक्षा के पिता द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर दो अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने बताया कि आईपीसी की धारा 279, 304 ए, 184, 192 समेत अन्य के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

सुदीक्षा बहुत मेधावी छात्रा थी और वह 3.80 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति जीतकर अमेरिका के मैसाचुसेट्स स्थित बाबसन कॉलेज से एंटरप्रेन्योरशिप में ग्रेजुएशन का कोर्स कर रही थी। वह कोविड-19 महामारी की वजह से गौतमबुद्ध नगर स्थित अपने घर में रुक गई थी और उसे 20 अगस्त को अमेरिका वापस जाना था।

सुदीक्षा के पिता चाय की दुकान चलाते हैं। गरीबी का सामना करते हुए अपनी प्रतिभा के बल पर अमेरिकी कॉलेज में छात्रवृत्ति के आधार पर दाखिला पाने वाली सुदीक्षा छह भाई—बहनों में सबसे बड़ी थी।

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने इस मामले पर कहा कि सामने एक मोटरसाइकिल जा रही थी जिसमें ब्रेक लगने की वजह से यह हादसा हुआ। सुदीक्षा सड़क पर गिरी और सिर में चोट लगने के कारण उसकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई।

जांच के दौरान लोगों से पूछा जाएगा और जो भी सामने आएगा, उस हिसाब से जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा है कि वह इस घटना की स्वतंत्र निष्पक्ष और तेजी से जांच करे।

आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एचएसी अवस्थी को भेजे गए नोटिस में कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहराई से जांच हो और उसकी विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द आयोग को भेजी जाए। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा है।

बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, “बुलन्दशहर में बाइक पर जा रही होनहार छात्रा सुदीक्षा भाटी को मनचलों की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी। यह अति-दुखद, अति-शर्मनाक और अति-निन्दनीय घटना है। बेटियाँ आखिर कैसे आगे बढ़ेंगी? उत्तर प्रदेश सरकार तुरन्त दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई करे, बसपा की यह पुरजोर माँग है।”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने अपने ट्वीट में सुदीक्षा का एक वीडियो टैग करते हुए कहा, “सुदीक्षा की यह भावनात्मक स्पीच सुनिए। यूपी की इस बेटी का कहना था कि उसकी उम्र की बहुत सारी लड़कियों को छेड़खानी के चलते पढ़ाई छोड़नी पड़ती है।”

उन्होंने कहा “आज इसी समस्या ने सुदीक्षा की जान ले ली। सरकार पूछेगी समस्या का हल कहां हैं ? समस्या का हल बेटियों की आवाज में है? लेकिन आप सुनिए तो!”

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पीड़ित परिवार से उनके घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सुदीक्षा के पिता और दादा बीमार रहते हैं और वह अपने परिवार का सबसे बड़ा सहारा थी।

उन्होंने कहा कि सुदीक्षा की मौत से परिवार में सब कुछ बिखर गया है। सरकार घटना के जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा दिलाये और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता दे।

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