बेगम हजरत महल नाटक मंचन संग समाज की विभूतियों का हुआ सम्मान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी एवं उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में उर्दू ड्रामा बेगम हजरत महल का मंचन संत गाडगे प्रेक्षागृह में किया गया ’ इतिहास की वीरांगनाओं में एक गौरवशाली नाम बेगम हजरत महल जो की 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नायिका के संघर्ष, साहस और बलिदान की प्रेरणादायक गाथा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करता है ’ इस दौरान समाज की विभूतियों का सम्मान भी किया गया।
मुख्य अतिथि नितिन मिश्रा (संरक्षक वढअअ) और शौकत अली (सेक्रेटरी उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ) ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की ’
इस अवसर पर समाज के विभिन्न लोगों को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया सरदार सोबरन सिंह (अंतरराष्ट्रीय धावक एवं समाजसेवी ) रफी अहमद और पॉल रॉबिंसन (समाज सेवक ) आचार्य राजीव शुक्ला (अध्यात्म) डॉक्टर ए पी जैन (लोहिया अस्पताल ) जुनैद खान एवं एंथोनी सिंह ( पत्रकार) अंशिमा चौधरी श्रीवास्तव (नृत्य ) फिरदौस सिद्दीकी, डॉ अनुराग श्रीवास्तव एवं पुनीत कनौजिया ( शिक्षा )अंजली श्रीवास्तव (गायन) अमित श्रीवास्तव (कवि )को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया।
ड्रामा की खासियत ड्रामा में बेगम हजरत महल की भूमिका को अत्यंत संवेदनशीलता और ताकत के साथ पेश किया गया है ’ उनके नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लखनऊ की लड़ाई , विरासत की रक्षा और मातृत्व तथा राष्ट्र भक्ति के बीच उनके संघर्ष को दशार्या गया है ’ संवाद वेशभूषा ,संगीत तथा प्रकाश व्यवस्था दर्शकों को उस कालखंड में ले जाने में सफल रही। लेखक वामिक खान ने बताया यह नाटक केवल इतिहास को दोहराने का प्रयास नहीं है बल्कि वर्तमान पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और नारी शक्ति का सम्मान करने की प्रेरणा है।