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मोदी ने हलके मकान की परियोजनाओं की रखी आधारशिला, गरीब, मध्यम वर्ग हेतु आवास को प्राथमिकता बताया

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को छह राज्यों के छह शहरों में वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-भारत) के तहत हलके मकानों से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी और गरीबों तथा मध्यम वर्ग के लिए आवास उपलब्ध कराने को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी और नवाचार प्रक्रियाओं से क्रियान्वित की जाने वाली ये परियोजनाएं देश में आवास निर्माण क्षेत्र को नई दिशा दिखाएंगी तथा सहकारी संघवाद को और मजबूत करेगी।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में मोदी के अलावा केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री उपस्थित थे। इन हलके मकानों का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत हर शहर में इस तरह के एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है जिसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ये छह परियोजनाएं देश में आवास निर्माण क्षेत्र को नई दिशा दिखाएंगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के राज्यों की भागीदारी से सहकारी संघवाद की भावना भी और मजबूत हो रही है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार का फोकस गरीब और मध्यम वर्ग की जरूरतों पर है तथा शहर में रहने वाले लोगों की संवेदनाओं और भावनाओं को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले छह सालों में ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनकी वजह से आम आदमी के घर खरीदने के विश्वास को बल मिला है। उन्होंने कहा, घरों की कीमतें इतनी ज्यादा हो गईं थी कि अपने घर का भरोसा टूटने लगा था। एक वजह ए थी कि कानून हमारा साथ देगा या नहीं, हाउसिंग सेक्टर की ये स्थिति थी कि लोगों को शंका थी कि गड़बड़ हो जाने की स्थिति में कानून उनका साथ नहीं देगा।

उन्होंने कहा कि अवसंरचना और निर्माण पर होने वाला निवेश, विशेषकर आवासीय योजनाओं पर किया जा रहा खर्च अर्थव्यवस्था में फोर्स मल्टीप्लायर का काम करता है। हलके मकान की परियोजना के बारे में मोदी ने कहा कि यह आधुनिक प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषी प्रक्रियाओं से बनेंगे और ये परियोजनाएं न सिर्फ कम समय में सम्पन्न होंगी बल्कि गरीबों के लिए ज्यादा किफायती और आरामदायक सिद्ध होंगी।

उन्होंने कहा, ये छह परियोजनाएं वाकई लाइट हाउस यानी प्रकाश स्तंभ की तरह हैं। ये छह परियोजनाएं देश में आवासीय निर्माण को नई दिशा दिखाएंगी। उन्होंने बताया कि इन मकानों के निर्माण में फ्रांस, जर्मनी और कनाडा जैसे देशों की आधुनिक और अग्रणी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि लखनऊ में कनाडा की निर्माण प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है तो रांची में जर्मनी की थ्री डी निर्माण तकनीक और अगरतला में न्यूजीलैंड की स्टील फ्रेम टैक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं एक तरह के इनक्यूबेटर सेंटर के रूप में काम करेंगी जिनसे योजना बनाने वालों, अभियंताओं, वास्तुविदों और विद्यार्थियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इनसे देश के नौजवानों को यह सीखना होगा कि तकनीक में अपनी आवश्यकता के अनुसार कैसे बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार की ओर से निरंतर निर्णय लिए जा रहे हैं तथा खरीदारों में उत्साह बढ़ाने के लिए घरों पर लगने वाले टैक्स भी बहुत कम किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, सस्ते घरों पर जो टैक्स पहले 8 प्रतिशत लगा करता था वह आज सिर्फ एक प्रतिशत है। वहीं सामान्य घरों पर लगने वाले 12 प्रतिशत की जगह सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है। सरकार ने इस सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर की मान्यता दी है ताकि उन्हें सस्ती दरों पर कर्ज मिल सके।

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