केजीएमयू में एमबीबीएस व बीडीएस के नये बैच का स्वागत
वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। केजीएमयू में मंगलवार को व्हाइट कोट सेरेमनी के साथ नये बैच का स्वागत किया गया। इस दौरान पहली बार व्हाइट कोट पहनने की खुशी छात्र-छात्राओं के चेहरे पर साफ दिखी। कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ नये दोस्त बनाने की भी सलाह दी।
केजीएमयू के ब्राउन हॉल में व्हाइट कोट सेरेमनी के तहत छात्र-छात्राओं को एप्रिन पहनाया गया। साथ ही शपथ दिलाकर जिम्मेदारी का अहसास भी कराया गया। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि केजीएमयू में दाखिला लेने के बाद छात्रों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अब से आप केजीएमयू के हिस्सा हो गए हैं। अब आपको जॉर्जियन कहलाएंगे। पढ़ाई संग अच्छे दोस्त बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दोस्त ही जिंदगी भर साथ निभाते हैं। इस मौके पर डीन एकेडमिक्स डॉ. अमिता जैन ने कहा कि केजीएमयू की एक अपनी प्रतिष्ठा है। उसे बनाए रखें। नियमित कक्षाएं करें। इंटरनेट के भरोसे क्लास न छोड़े। यहां के शिक्षकों द्वारा पढ़ाया गया इंटरनेट पर नहीं मिलेगा। अच्छा डॉक्टर बनने के लिए क्लास जरूर करें।
कोई रैंगिग करे तो बेखौफ दर्ज करायें शिकायत
वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रैगिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके यदि कोई रैंगिंग करता है तो बिना डरे शिकायत दर्ज करायें। एमबीबीएस और बीडीएस के नये बैच को यह जानकारी केजीएमयू के चीफ प्रॉक्टर डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव ने दी। वह मंगलवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में नये बैच को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां 24 घंटे शिकायत दर्ज कराने की सुविधा है। इसके साथ ही हेल्प लाइन नम्बर, ई-मेल और व्यक्तिगत तौर पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम से शिकायत की जा सकती है। उन्होंने आश्वस्त किया किया कि रैंगिंग को लेकर केजीएमयू प्रशासन सख्त है। ऐसे में यदि कोई शिकायत आती है तो सख्त कार्रवाई की जायेगी।
डा क्षितिज ने कहा कि यदि कोई बिना पहचान का फोन आ रहा है तो उसे उठाने से बचें। यदि उठा लिया। तो अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। डरा-धमका रहा है तो उसकी रिकॉर्डिंग कर लें। उसे तुरंत प्रॉक्टोरियल बोर्ड या फिर वार्डन के मोबाइल पर भेज दें। फोन करके यदि कोई बुला रहा है तो भी जाने की जरूरत नहीं है। सुरक्षा कर्मियों को उसकी जानकारी दें। उन्होंने बताया कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड में 19 सदस्य हैं। जो 24 घंटे रैगिंग रोकने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा हॉस्टल के वार्डन से रैगिंग की शिकायत कर सकते हैं। सुरक्षा गार्डों की टीम बनाई गई है। इनकी निगरानी में छात्र हॉस्टल से क्लास रूम तक आएंगे-जाएंगे। सुरक्षा गार्डों की टीम तीन माह तक नए मेडिकल छात्रों के संग रहेगी। परिसर में हॉस्टल से क्लास तक 15 से अधिक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।