नई दिल्ली। दक्षिण-पूर्व एशिया में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को इस क्षेत्र के देशों को स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा के लिए स्थानीय महामारी विज्ञान का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और पुख्ता सूचना पर आधारित कार्वाई करने को कहा है। पूर्वी एशिया में संक्रमण के 122,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 4,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोविड-19 के 81,970 मामले सामने आए हैं जबकि संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,649 पहुंच गई है। डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र के देशों में संचरण के विभिन्न परिदृश्य दिख रहे हैं और मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हर संचरण परिदृश्य में तेजी से पता लगाने, जांच, पृथकवास, देखभाल और संपर्कों की पहचान करना जैसे मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय हैं। सिंह ने आगे बढ़ते हुए कहा हमें इन उपायों की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के स्थानीय महामारी विज्ञान पर ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि हॉट-स्पॉट यानी संक्रमण प्रभावित क्षेत्रों की पहचान हो सके और व्यवस्था को देखते हुए पृथकवास, जांच, संपर्कों की पहचान और उपचार जैसे कदम उठाए जा सकें। डब्ल्यूएचओ क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, इस क्षेत्र के देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों को प्रभावी बनाते हुए साक्ष्य-सूचित कार्रवाई करना चाहिए और खतरे का सावधानीपूर्वक आकलन करना जारी रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए जिसके लिए एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। क्षेत्रीय निदेशक ने आगामी 73 वें विश्व स्वास्थ्य सत्र के लिए 11 सदस्य देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।



 
                                    

