लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रहे ट्रेनें चलाने को लेकर विवाद और राजनीतिक गतविधियों को बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि आरोप-प्रत्यारोप में फंसने की बजाये मज़लूमों पर ध्यान दिया जाए ताकि उनकी ज़िन्दगी ख़राब न हो।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, ‘केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक अभी भी बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। जरूरी है कि आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर इन मजलूमों पर ध्यान दें, ताकि कोरोना की चपेट में फंसकर इन लोगों की जिंदगी पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके।’
बसपा मुखिया ने अपने ट्वीट में सरकारों से प्रवासी श्रमिकों और मेडिकल कर्मियों की उपेक्षा और प्रताड़ना पर भी तुरंत ध्यान देने की सलाह भी दी है। उन्होंने लिखा है, ‘वैसे भी चाहे बीजेपी की सरकारें हों या फिर कांग्रेस पार्टी की, कोरोना महामारी व लंबे लाॅकडाउन से सर्वाधिक पीड़ित प्रवासी श्रमिकों व मेडिकल कर्मियों के हितों की उपेक्षा व प्रताड़ना जिस प्रकार से लगातार की जा रही है वह भी उचित व देशहित में कतई नहीं है। सरकारों को इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
बताते चलें कि कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों की संख्या के लिहाज से मौजूदा समय में महाराष्ट्र सबसे आगे है। वहां इस समय केंद्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच प्रवासियों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है। इसके अलावा, महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है। बीते दिनों वहां के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सत्ता-विपक्ष के नेताओं ने मुलाकात की थी, वहीं मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने भी उनसे मुलाकात की थी।
इसके बाद शिवेसना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि मुलाकात के कोई राजनीतिक निहितार्थ न निकाले जाएं और राज्य की सरकार मजबूत स्थिति में है। वहीं, महाराष्ट्र में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोरोना महामारी से निपटने में अक्षम है। पार्टी के अन्य नेताओं ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं।