सभी इच्छाएं महादेव पूरी करते हैं
लखनऊ। मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित व्रत है। इस दिन श्रद्धापूर्वक महादेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन से समस्त दुखों का अंत होता है। साथ ही साधक के मन से नकारात्मक विचार भी दूर होते हैं। शास्त्रों के मुताबिक यह तिथि शिव जी को प्रसन्न और उनकी असीम कृपा पाने के लिए बेहद शुभ है। जो भक्त सच्चे मन से इस दिन भगवान शिव का व्रत रखते हैं, उनकी सभी इच्छाएं महादेव पूरी करते हैं। यही नहीं जीवन में शांति व समृद्धि का वास भी होता है। पंचांग के मुताबिक यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। कार्तिक माह में यह व्रत 19 अक्तूबर को रखा जाएगा। इस दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पूरे शिव परिवार की कृपा जीवन पर बनी रहती हैं। इसके अलावा मनचाहा वर पाने की कामना भी पूर्ण होती है।
शुभ योग
मासिक शिवरात्रि के दिन उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके अलावा ऐन्द्र योग का संयोग पूरे दिन रहेगा। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में पूजा-पाठ करना शुभ रहेगा।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
ऐसी मान्यता है कि शिव मंत्रों का जाप शिवालय या घर के पूर्व भाग में बैठकर करने से अधिक फल प्राप्त होता है। मासिक शिवरात्रि की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए। मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी भक्त पूरे श्रद्धाभाव से करता है, उसके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, साथ ही स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उस व्यक्ति जीवन को जीवन के सारे सुख प्राप्त होते हैं। इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीघार्यु, ऐश्वर्य, आरोग्य और संतान आदि प्राप्त करता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा के लिए शिव और पार्वती की एक साफ चौकी पर मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद शिव परिवार को वस्त्र अर्पित करें। फिर जल, दूध, दही, शहद से शिवलिंग पर अभिषेक करें। अब शमी का फूल और बेलपत्र शिव जी को अर्पित करें। महादेव को चंदन लगाएं और कुछ फल चढ़ाएं। शुद्ध देसी घी से दीपक जलाकर प्रभु को मिठाई का भोग लगाएं। मासिक शिवरात्रि की व्रत कथा पढ़ें। देवी पार्वती को श्रृंगार का समान दें। अब भगवान शिव और देवी पार्वती की आरती करें और सफेद चीजों का दान करें।