लखनऊ। देश में 21 दिन के लॉकडाउन के बीच नौ दिनों तक चलने वाला नवरात्रि का त्योहार और हिंदू नववर्ष बुधवार को शुरू हो गया। नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अनेक लोगों ने घर से ही पूजा करने को तरजीह दी और पुरोहितों को अपना नाम तथा अन्य ब्योरा भेजकर उनकी तरफ से पूजा करने का अनुरोध किया।
गोखले मार्ग मंदिर के पुरोहित आघरचार्य सुरेश मणि शास्त्री ने कहा कि उन्होंने आज सुबह अकेले पूजा की और यहां तक मंदिर में नियमित रूप से आने वाले लोग भी फोन पर अपना ब्योरा भेज रहे हैं और उनकी तरफ से पूजा करने का अनुरोध कर रहे हैं। आचार्य शास्त्री ने कहा, हमें इस मुश्किल घड़ी में निर्देशों का पालन करना है और समाज के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना पूजा-पाठ करना है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अन्य मंदिरों में भी यही दृश्य देखने को मिला।
नवरात्रि के पहले दिन पुरोहितों ने कलश स्थापन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील की है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ा जा सके। स्थानीय बाजारों में भी आम तौर पर नवरात्रि के दौरान रहने वाली चहल-पहल नहीं दिखी। देवी-देवताओं की तस्वीर और मूर्ति, माला और अन्य पूजा संबंधी सामग्री बेचने वाली दुकानें नदारद दिखीं। एक दुकानदार ने कहा, हमें सबके स्वास्थ्य के हित में अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना है। अगर सभी लोग ठीक और स्वस्थ रहे तो हम अगली बार बड़ी दुकान लगाएंगे।
नवरात्रि के उपवास के पहले दिन दूध की किल्लत रहने की शिकायतों के बीच जिला प्रशासन ने सभी दूध विक्रेताओं को पास जारी किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि दूध ले जा रहे वाहनों को नहीं रोका जाए। लॉकडाउन के पहले दिन राजधानी और उसके आस-पास के इलाकों में अफरातफरी का माहौल रहा। कुछ इलाकों में अखबार नहीं बंटे, तो कहीं दूध की आपूर्ति नहीं हुई।
वहीं, बैंको में लोगों की संख्या न के बराबर रही। लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि गुरुवार से स्थिति लगभग सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आज शहर के कई इलाकों में दूध बंटवाया गया और राशन की दुकानों को भी खुलवाने की कोशिश की जा रही है। शहर के बाहरी इलाकों में बुधवार सुबह समाचार पत्र नहीं वितरित हुए।