डेंगू, मलेरिया व अन्य संचारी रोगियों की तैयार होगी सूची

वरिष्ठ संवाददाता

दस्तक अभियान के तहत की जायेगी पहचान

लखनऊ। डेंगू, फाइलेरिया, मलेरिया, दिमागी बुखार, क्षय रोग और कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जायेगी। इसके लिए सोमवार से दस्तक अभियान की शुरूआत हुई, जहां आशा व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों के घर जाकर मरीजों की पहचान करेंगे। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।

स्टेट सर्विलांस आफिसर और संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ. विकासेंदु अग्रवाल का कहना है कि दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर संचारी रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों का नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर का विवरण ई-कवच पोर्टल पर डिजिटली अपलोड करेंगी। गृह भ्रमण के दौरान लोगों को बतायेंगी कि मष्तिष्क ज्वर का पहला टीका नौ से 12 माह के और दूसरा टीका 16 से 24 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत जरूर लगवाएं। व्यक्तिगत साफ-सफाई के साथ ही घर और आस-पास साफ-सफाई रखें और जलजमाव न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए पूरी बांह वाली कमीज और फुल पैंट पहनें। स्वच्छ पेयजल का ही इस्तेमाल करें।

कुपोषित बच्चे भी किए जाएंगे चिन्हित

कुपोषित बच्चों की देखभाल का खास ख्याल रखें। बुखार की स्थिति में बच्चों को बिना किसी देरी के उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाएँ क्योंकि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है। इसके अलावा संचारी रोगों के बारे में अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर- 1800 180 5145 पर सम्पर्क किया जा सकता है। गृह भ्रमण के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर बुखार के रोगियों और इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) रोगियों की सूची तैयार कर रहीं हैं। क्षय रोग यानि लम्बे समय से बुखार, खांसी, बलगम के साथ खून आने, वजन गिरने जैसे लक्षण वालों की सूची तैयार कर रहीं हैं, इस सूची के मुताबिक राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग और जांच होगी।

कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, कालाजार रोगों से प्रभावित जिलों में इनके लक्षणयुक्त लोगों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है।कुपोषित बच्चों का भी ब्योरा डिजिटल अपलोड किया जा रहा है। अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता कार्यों की सूचना प्रतिदिन एएनएम को भी उपलब्ध करायी जायेगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित और जलजनित रोगों से सम्बंधित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों के लिए अन्य विभागों के बीच समन्वय के लिए नोडल विभाग की जिम्मेदारी निभा रहा है। इसके साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर द्वारा ई-कवच पोर्टल पर डिजिटली अपलोड की जा रही लक्षणयुक्त व्यक्तियों की सूची में उल्लिखित रोगियों के लक्षण के अनुसार संचारी रोगों की जांच की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करेगा।

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