लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने इस साल पूरे प्रदेश में 30 करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है। यह वृक्षारोपण कार्यक्रम वन विभाग के माध्यम किया जाएगा। इसके साथ ही 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। किसी एक तारिख को सभी सरकारी विभागों के समन्वित प्रयास से एक ही दिन में फलदार, छायादार, इमारती लकड़ियों से संबंधित 25 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य के साथ कार्य किया जा रहा है। बताते चलें कि पिछले साल अगस्त क्रांति के दिन प्रदेश वासियों ने 22 करोड़ से ज्यादा पौधे रोपकर रिकॉर्ड बनाया था।
योगी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास पर पौधरोपण किया। उन्होंने अपने आवासीय परिसर में बेल का पौधा लगाया। इस मौके पर आम, रुद्राक्ष व सहजन के पौधे भी रोपे गये। उन्होंने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रकृति व पर्यावरण का संरक्षण करके ही जीवन की रक्षा की जा सकती है और मानव सहित हर जीव के लिए सुखद और आनन्ददायक भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस की वैश्विक महामारी ने प्रकृति के ज़रुरत से ज़्यादा दोहन के लिए चेतावनी है। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्व पर्यावरण दिवस सभी को पर्यावरण संरक्षण तथा प्रकृति के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगा।
योगी ने कहा कि प्रदेश में जैविक खेती प्रोत्साहित करने के लिए कार्ययोजना बनायी गयी है। नमामि गंगे परियोजना के माध्यम से गंगा नदी की अविरलता एवं निर्मलता के सम्बन्ध में किये गये कार्याें के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। उन्होंने कहा कि गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापक वृक्षारोपण अभियान के तहत, किसानों को अपने खेतों की मेड़ों पर फलदार वृक्ष लगाने के लिए मुफ्त पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। किसी किसान द्वारा अपने पूरे खेत में केमिकल, फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड का इस्तेमाल किये बगैर वृक्षारोपण करने पर हर साल, महीने वार प्रति एकड़ सब्सिडी शासन स्तर से देने की व्यवस्था है।
योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन सालों के दौरान प्रकृति व पर्यावरण की सुरक्षा व संरक्षण के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत रोपित पौधों को जियो-टैग करने के साथ ही, उनके संरक्षण के प्रभावी उपाय किये गये हैं। राज्य सरकार के प्रयास से प्रदेश में फारेस्ट कवर के साथ-साथ लोगों में प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
इस मौके पर वन मंत्री दारा सिंह चौहान, जल शक्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव ओलख, विधान परिषद सदस्य स्वतंत्रदेव सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।