प्राणि उद्यान के 12 बाघ लखनऊ जू की शान हैं : डा. उत्कर्ष शुक्ला
लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर मंगलवार को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के सारस प्रेक्षागृह में समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि डा. अरूण कुमार, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश रहे। इस अवसर पर मनोज सिंह, अपर मुख्य सचिव, वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, सुधीर कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, अनुपम गुप्ता, संजय श्रीवास्तव, संजय सिंह, (सेवानिवृत्त) अदिति शर्मा, निदेशक प्राणि उद्यान, लखनऊ के साथ वन विभाग एवं प्राणि उद्यान के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम निदेशक प्राणि उद्यान द्वारा समारोह में आये मुख्य अतिथि एंव अन्य अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारम्भ किया गया, तत्पश्चात प्राणि उद्यान के उप निदेशक, डा. उत्कर्श शुक्ला ने सभी अतिथियों का स्वागत किया गया तथा प्राणि उद्यान में रह रहे बाघों का संक्षेप में जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्राणि उद्यान में 12 बाघ हैं जोकि प्राणि उद्यान की शान हैं।
संजय सिंह ने अपने सम्बोधन में बाघों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बाघ यदि किसी टूरिस्ट जोन में चला जाए तो सबसे पहले उसे फोटोशूट का सामना करना पड़ेगा। जानकारी देते हुए कहा कि बाघ बहुत ही संघर्शमय जीवन व्यतीत करता है, कभी-कभी उसे तीन-तीन दिन तक शिकार न मिलने की दशा में भूखा रहना पड़ता है। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए विभाग ने स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करने का कार्य प्रारम्भ किया है, जोकि पं्रशसनीय है। मानव अपने अन्दर सह अस्तित्व की भावना रखते हैं इसी लिए सभी को फिर चाहे वह वन्यजीव ही क्यों न हो, अंगीकृत कर लेते हैं। सुधीर कुमार शर्मा, ने अपना उद्बोधन विश्व बाघ दिवस की शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि हमारे मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही हम 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य पूरा कर पा रहे हैं। 30 करोड़ पौधों का रोपण हो चुका है और शेष 05 करोड़ पौधों का रोपण स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के दिन पूर्ण कर लिया जायेगा। मुख्यमंत्री को प्रकृति से अत्यधिक लगाव है और वह चाहते हैं कि इस कार्य में जन सहभागिता हो।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा डिजिटर नवीनतम बाघ गणना का बटन दबाकर लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा अपने सम्बोधन में कहा कि बाघ हमारे पर्यावरण, खेती, जंगल, नदियों आदि के लिए जरूरी हैं। बाघ हैं तो हमारे खेत हैं, पेड़-पौधे हैं, जंगल हैं, नदियां हैं और अगर बाघ नहीं है तो उक्त में से हमारा कुछ भी नहीं है। इस प्राणि उद्यान को मैं आज से नहीं वरन सन 1966 से जानता हूं और कई बार इस प्राणि उद्यान का भ्रमण भी कर चुका हूँ। यह प्राणि उद्यान आने वाले 02 वर्शों में कुकरैल स्थानान्तरित हो जायेगा। कुकरैल में एक नाइट सफारी भी बनायी जा रही है जो कि भारत की पहली नाइट सफारी होगी।
प्रतियोगिता के विजेता
विश्व बाघ दिवस के क्रम में आयोजित सेव द टाइगर शीर्षक पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा प्रशस्ति पत्र एंव ट्रॉफी प्रदान की गयी जिसमें जूनियर वर्ग में ज्योति आर्या प्रथम, अराध्या कश्यप द्वितीय, सिमर वर्मा तृतीय, सीनियर वर्ग में रूद्र कश्यप, प्रथम, गरिमा शर्मा द्वितीय, प्रतीक विश्वकर्मा तृतीय पुरस्कार दिया गया। सांत्वना पुरस्कार में दक्ष प्रताप सिंह, शिखा कुमारी, रितिका सिंह, महक रावत को दिया गया। विश्व बाघ दिवस समारोह में दुधवा टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व एंव प्राणि उद्यान के 10 कर्मचारियों को बाघ संरक्षण कार्य में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु मुख्य अतिथि महोदय द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र एंव स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अन्त में निदेशक, नवाब वाजिद अली षाह प्राणि उद्यान, लखनऊ द्वारा समारोह में आये मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया।