जम्मू। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने शुक्रवार को यहां कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और देश अपनी समस्याओं को खुद सुलझाने में सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य देशों को भारत को बिन मांगी सलाह देने के बजाय अपनी घरेलू समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर आए नायडू ने किसी देश या व्यक्ति का नाम लिए बना कहा कि पड़ोस के कुछ लोग हमेशा समस्याएं और बाधाएं पैदा करने के प्रयास करते रहते हैं, क्योंकि वे भारत को प्रगति करते नहीं देख सकते।
नायडू ने यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के तीसरे और चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, बीच-बीच में हमें बिन मांगी सलाह देने की कोशिश करने वाले कुछ मित्रों को मेरी सलाह है कि वे अपनी घरेलू समस्याओं पर ध्यान दें। हम अपनी समस्याओं का हल खुद निकालने में सक्षम हैं और उन्हें हमारी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान एमबीए की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी करने वाले 148 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। उपराष्ट्रपति ने अपने आधे घंटे के संबोधन के दौरान कहा, हम सभी लोकतंत्र और सभ्यता में विश्वास करते हैं। यदि आप सचमुच सभ्य हैं तो आपसे किसी अन्य देश के मामलों में हस्तक्षेप की आशा नहीं की जाती। नायडू ने कहा, प्रगति के लिए शांति होना आवश्यक है। यदि आपको कोई चिंता है तो आप किसी चीज पर ध्यान नहीं लगा सकते। सभी को इस बात की समझ होनी चाहिए। शांति बेहद आवश्यक है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पड़ोस के कुछ लोग हमेशा भारत के लिए समस्याएं और गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें उन्हें सफल नहीं होने देना है। हमें एकता की भावना से चलना चाहिए जिसमें सबसे पहले राष्ट्र, फिर पार्टी व पेशा और सबसे अंत में स्वंय आता है। यही हमारा दृष्टिकोण होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, हम जम्मू-कश्मीर से अथवा दक्षिण या उत्तर भारत से हो सकते हैं, लेकिन सभी भारतीय हैं। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी इसी देश की संतान हैं और हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।