नई दिल्ली। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के प्रमुख अरबिंदो हांडा ने कहा कि एअर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना की औपचारिक जांच के लिए साक्ष्य इकट्ठा किए जा रहे हैं और घटना के कारणों के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।
दुर्घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा विमान (दुर्घटना एवं घटना की जांच) नियम 2017 तथा आईसीएओ अनुलग्नक 13 के तहत जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, “चूंकि जांच का उद्देश्य दुर्घटनाओं और घटनाओं को रोकना है, इसलिए सभी कारणों की गहन जांच की जाएगी। दुर्घटना के कारणों के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।” हांडा एएआईबी के महानिदेशक हैं।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के अनुलग्नक 13 में विमान दुर्घटना और घटना की जांच पर अंतरराष्ट्रीय मानक और सुझाए गए तरीके शामिल हैं।
दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) तलाश कर लिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि प्रारंभिक रिपोर्ट सरकार को कब तक पेश किए जाने की उम्मीद है, हांडा ने कहा, “एयर इंडिया एक्सप्रेस बी- 737 विमान वीटी-एएक्सएच की दुर्घटना के कारणों की औपचारिक जांच करने के लिए साक्ष्य इकट्ठा करने का कार्य प्रगति पर है।”
कोझिकोड हवाई अड्डे में एक ‘टेबल टॉप’ हवाई पट्टी है और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) इसे संचालित करता है।
जांच का हिस्सा बताते हुए हांडा ने कहा “इस बारे में किसी भी प्रकार की बयानबाजी गैरजरूरी और गैरजिम्मेदाराना होगी।”
उन्होंने कहा अगर एएआईबी को किसी प्रकार की सहायता की जरूरत होगी तो विदेशी एजेंसियों से संपर्क किया जाएगा।
हांडा ने कहा, “प्रत्येक विमान दुर्घटना जांच अद्वितीय है। अनुभवी जांचकर्ता अन्य दुर्घटना जांच एजेंसियों की रिपोर्ट का भी अध्ययन करते हैं और मुझे इस बात पर थोड़ा संदेह है कि वे मेंगलुरु दुर्घटना की सिफारिशों से अवगत नहीं होंगे।”
वह 2010 में मेंगलुरु में हुए विमान दुर्घटना की जांच रिपोर्ट से संभावित मदद पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
गौरतलब है कि 2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान हवाई पट्टी से बाहर निकल कर एक खाई में गिर गया था जिसके बाद इसमें आग लग गई थी और इस दुर्घटना में 158 लोगों की जान चली गई थी।
मेंगलुरु दुर्घटना के संबंध में 22 मई 2010 को हुई कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने इसे कैप्टन की विफलता बताया था।