भारत-चीन सीमा विवाद : चीन की जंग जैसी तैयारी, कॉर्प्स कमांडर स्तर की होगी वार्ता

  • दबाव की रणनीति नहीं होगी सफल
  • भारत दे रहा सख्त जवाबी कार्रवाई का संदेश
  • दोनों देशों के बीच हुई कमांडर स्तरीय बातचीत

नई दिल्ली-बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच चीन अब सीमा पर युद्ध जैसी तैयारी कर रहा है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सीमा पर पूरे देश से सैनिकों को इकट्ठा कर रही है। इसमें एयर डिफेंस जवान, बॉम्बर्स, स्पेशल फोर्स के जवान, बख्तरबंद गाड़ियां, आर्टिलरी, पैराट्रूपर्स, पैदल सेना की इकाइयां शामिल हैं। इसके साथ ही, चीन की लद्दाख के उत्तरी इलाके में हलचल बढ़ गई है। यहां सैनिक बढ़ाने के साथ ही नया निर्माण भी किया जा रहा है और ट्रांसपोर्टेशन के साधन जुटाए जा रहे हैं।

उधर, भारतीय सेना की इस बदलते घटनाक्रम पर कड़ी नजर है। भारतीय सैनिक इस जगह से इतने करीब हैं कि वे चीन की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। उधर, तनाव कम करने के लिए मास्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष से बातचीत तय है। उधर, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उकसावे वाली कार्रवाई को भारत चीन की दबाव बनाने की रणनीति मान रहा है। इससे निपटने के लिए भारत चीन को लगातार सख्त जवाबी कार्रवाई करने का संदेश दे रहा है।

भारत की रणनीति सभी माध्यमों से बातचीत जारी रखने के साथ ही एलएसी पर आक्रामक तेवर बरकरार रखने की है। इस बीच, भारत और चीन के बीच चुशूल में बुधवार को ब्रिगेड कमांडर स्तर की वार्ता हुई। यह वार्ता सुबह 11 बजे शुरू हुई थी और तीन बजे समाप्त हुई। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता के लिए सहमत हुए। इस वार्ता के लिए अभी तारीख, एजेंडा और तरीके को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

ड्रैगन की तैयारियों पर चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि उसका यह कदम पीएलए की क्षमता और देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प को दिखाता है। पीएलए सेंट्रल थिएटर कमांड एयर फोर्स से जुड़े एच-6 बॉम्बर्स और वाई-20 बड़े परिवहन विमान को ट्रेनिंग मिशन के लिए पठारी क्षेत्र में तैनात किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी चीन के रेगिस्तानी इलाकों और दक्षिण-पश्चिम चीन में युद्धाभ्यास, लाइव फायर ड्रिल्स, तैनाती आदि की जा रही है। चीन ने यह कदम लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश नाकाम होने के बाद उठाया है।

पीएलए 71वीं समूह सेना से जुड़ी एचजे-10 एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम ने हाल ही में पूर्वी चीन के जिआंगसु प्रांत से उत्तर-पश्चिम चीन के गोबी रेगिस्तान तक हजारों किलोमीटर की दूरी तय की। जबकि, पीएलए तिब्बत मिलिट्री कमांड ने चौबीसों घंटे ब्रिगेड संयुक्त अभ्यास किया। वहीं, सीसीटीवी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएलए 71वीं ग्रुप आर्मी के तहत एयर डिफेंस ब्रिगेड भी उत्तरी-पशिअचमी क्षेत्र में इकट्ठी हुई, जहां पर लाइव फायर ड्रिल्स की गईं।

इस दौरान एंटी-एयरक्राफ्ट गन्स और मिसाइल का भी इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा, सीसीटीवी ने पिछले सप्ताह बताया था कि पैराट्रूपर्स और वायुसेना के परिवहन विमान ने हाल ही में एक बहुआयामी क्षेत्र पर कब्जा करने और नियंत्रण करने का भी अभ्यास किया था। इसे उत्तर पश्चिमी चीन के रेगिस्तान में आयोजित किया गया था। वहीं, ग्लोबल टाइम्स ने जब इसको लेकर बीजिंग के सैन्य जानकार से बात की तो उन्होंने उलटा भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पड़ोसी देश सैन्य गतिविधियों के साथ-साथ चीन के साथ बातचीत की मेज पर और अधिक सौदेबाजी की कोशिश कर रहा है।

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