सलेम (तमिलनाडु)। भारत और चीन के बीच नौ दौर की राजनयिक एवं सैन्य स्तर की वार्ता के बाद पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यह बात रविवार को यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही। उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी पर संदेह जताने को लेकर कांग्रेस पर भी प्रहार किया।
रक्षा मंत्री ने यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य सम्मेलन में कहा कि देश अपनी सीमा पर किसी भी तरह की एकतरफा कार्वाई को अनुमति नहीं देगा और इस तरह के प्रयासों को विफल करने के लिए कोई भी कीमत चुकाएगा। उन्होंने कहा, नौ दौर की सैन्य एवं राजनयिक वार्ता के बाद सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस भारतीय सेना की बहादुरी पर संदेह कर रही है…क्या यह उन सैनिकों का अपमान नहीं है, जो देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान देते हैं। गलवान में पिछले वर्ष चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। संघर्ष में चीन के सैनिक भी मारे गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कभी भी देश की एकता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता से समझौता नहीं किया और ऐसा कभी नहीं करेगी।