लखनऊ। इरादे तो बहुत, लेकिन कैसे पूरे होंगे विकास? यूपी के 11 शहर स्मार्ट सिटी बनाने की योजना बनी थी। स्मार्ट सिटी मिशन कार्यकम के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2000 करोड़ की आय-व्यय व्यवस्था की गई थी। इसके सापेक्ष अभी तक 28 करोड़(1.4 प्रतिशत) की धनराशि ही स्वीकृति की गई है।
अपेक्षा के अनुरूप काम की प्रगति व खर्च की स्थिति असंतोषजनक है। इस कारण राज्य से मिलने वाले 704 करोड़ भी जारी नहीं हो पा रहे हैं। स्मार्ट सिटी योजना का ये हाल लखनऊ समेत दूसरे शहरों का भी है। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने स्वीकृत धनराशि जारी करने के लिए लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, झांसी, मुरादाबाद के मंडलायुक्त व नगर आयुक्त को स्मार्ट सिटी योजनाओं का क्रियान्वयन त्वरित गति से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं।
मोदी सरकार की महत्वकांक्षी स्मार्ट सिटी मिशन योजना में प्रदेश का एक भी शहर अभी तक पूरी तरह से स्मार्ट नहीं हो सका है। प्रदेश के चयनित स्मार्ट शहरों में बुनियादी ढांचा विकास अभी भी चल रहा है। देशभर के सौ शहरों के कायाकल्प के लिए केंद्र सरकार ने इस मिशन की शुरूआत की थी, चालू वित्तीय वर्ष में लगभग दो लाख करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च हो चुकी है इसके बाद भी कई शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना के काम रेंग रहे हैं। केंद्र सरकार से इस योजना के लिए राशि देने में कोई देरी नहीं की जा रही है मगर स्मार्ट सिटी योजना का काम देख रहे अफसरों की कार्यप्रणाली ही सुस्त है।