भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें उद्यमी : PM मोदी

नयी दिल्ली। नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 24वें दिन में पहुंच जाने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि छह माह पहले कृषि क्षेत्र में जो सुधार किये गये उनका लाभ किसानों को मिलना शुरू हो गया है।

उन्होंने उद्योग जगत से ग्रामीण भारत के उत्पादों को विश्व बाजार में पहुंचाने का आह्वान करते हुये कहा कि यदि गांवों में पैदा होने वाले जैविक, जड़ी बूटी और कृषि उत्पादों को बेहतर समर्थन मिले तो हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुलंदियों पर पहुंच सकती है। उद्योग मंडल एसोचैम के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत से आने वाले 27 साल के दौरान राष्ट्र निर्माण और आत्म निर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिये पूरी क्षमता के साथ जुटने को कहा।

उन्होंने कहा कि आने वाले 27 साल के बाद 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे हो जायेंगे। ऐसे में हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को जितनी जल्दी हो सके हासिल करके दिखाना है। इसके लिये उद्योग जगत को भी पूरी क्षमता, प्रतिबद्धता और साहस के साथ आगे बढ़ना है। मोदी ने विनिर्माण से लेकर कृषि और श्रम क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गये सुधारों का जिक्र करते हुये कहा कि दुनिया में भारत को लेकर जितनी सकारात्मकता आज है इतनी पहले कभी नहीं थी।

उनकी सरकार ने आर्थिक क्षेत्र में जितने भी सुधार किये हैं उसके बाद दुनिया के निवेशकों की धारणा बदली है। यही वजह है कि पहले जहां भारत के बारे में कहा जाता था कि व्हाई इंडिया (भारत में निवेश क्यों किया जाए) वहीं अब कहा जाता है कि व्हाई नॉट इंडिया (भारत में क्यों नहीं निवेश किया जाए)। मोदी ने कहा कि भारत के बारे में पूरी दुनिया की सोच बदली है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में छह माह पहले जो सुधार किये गये थे उनका लाभ किसानों को मिलने लगा है। हालांकि, इस विषय में उन्होंने आगे कुछ नहीं कहा।

उल्लेखनीय है कि पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों से सैकड़ों किसान सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं। वह इन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये कानून किसानों को उद्योगपतियों का मोहताज बना देंगे। सरकार उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदारी करना बंद कर देगी। इसके विपरीत सरकार का कहना है कि इन कानूनों से किसानों को अपने उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी दी गई है। खेती के काम में निजी निवेश बढ़ेगा और किसानों की आय बढ़ेगी।

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