हाथरस (उप्र)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने का स्वागत करने के लिए रविवार को पूर्व भाजपा विधायक राजवीर सिंह के घर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हुई। शुरुआत में इसे महापंचायत समझा गया लेकिन आयोजकों ने इससे इनकार किया।
पूर्व विधायक राजवीर सिंह के बेटे मनवीर सिंह ने बताया ‘यह कोई महापंचायत नहीं थी। हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने के फैसले पर धन्यवाद देने के लिए इकट्ठा हुए थे। हम सीबीआई जांच का स्वागत करते हैं क्योंकि मामले का दूसरा पहलू भी है जिसे मीडिया में नहीं दिखाया जा रहा है।’
उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग इस घटना को सामूहिक बलात्कार के तौर पर दिखा रहा है, लेकिन मामले के तथ्य कुछ और ही हैं। यह पूरा मामला राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया है। हम चाहते हैं कि इस मामले का दूसरा पहलू भी दुनिया के सामने आए और मामला अदालत पर छोड़ दिया जाए।
सिंह ने कहा कि मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोग दरअसल अपने घर से ही पकड़े गए। अगर वे दोषी होते तो कहीं छिप गए होते। वे अपने घर पर नहीं मिलते। इस मामले में आरोपियों को जानबूझकर फंसाया गया है। उनके लिए इंसाफ मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है।
उन्होंने कहा कि मामले में अभियुक्त बनाए गए लोग हर तरह की जांच में सहयोग कर रहे हैं जबकि तथाकथित पीड़ित पक्ष आए दिन अपना रुख बदल रहा है। आखिर इसकी क्या वजह है। अब लड़की का परिवार अपना नार्काेटेस्ट नहीं कराना चाहता और ना ही वह सीबीआई जांच के पक्ष में है। अब वह दूसरी तरह की जांच कराना चाहता है। इससे जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है।
सिंह ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को अपने प्रभाव में लेना चाहती हैं और इस मुद्दे को लंबा खींचने की उनकी मंशा है। उन्होंने एक सवाल पर कहा ‘सरकार द्वारा शुरू कराई गई जांच पर हमें भरोसा है मगर शनिवार को ही जांच का आदेश दिया गया। अगर हमने विरोध ना किया होता तो जांच का आदेश नहीं दिया गया होता।’ भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह के घर पर रविवार को लोगों के जमावड़े के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में गत 14 सितंबर को एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई थी। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की गत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में गांव के ही रहने वाले अगड़ी जाति के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है। राज्य सरकार ने मामले की एसआईटी से जांच कराई है। शनिवार शाम उसने घटना की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी।