नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच गुजरे 10 महीनों के दौरान यह सामने आया कि साबुन से हाथ धोना और जन स्वास्थ्य सावधानी उपायों जैसे सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना, खांसी आने के दौरान मुंह ढंकना और मास्क पहनना आदि का उचित तरह से पालन करना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए प्रभावी हथियार साबित हुए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह बात कही। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि रोगों से बचाव को लेकर जागरूक करने और हाथ धोने के महत्व को दर्शाने के मद्देनजर हर वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष पूरे विश्व को यह याद दिलाने के लिए यह और भी अहम है कि हाथ धोने जैसी साधारण आदत जीवन बचा सकती है। साथ ही यह बेहद किफायती भी है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र की प्रांतीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, हाथ धोना हमेशा से बीमारियों को दूर रखने का एक प्रभावी तरीका रहा है। यह एक ऐसा आसान उपाय है जो कि हमें स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मददगार होता है। कोविड-19 से बचाव के लिए भी हाथ धोना एक बेहद प्रभावकारी उपाय है।
उन्होंने कहा, पहले के मुकाबले अब कोविड-19 काल में हाथों की स्वच्छता हमारी दिनचर्या और जीवन का आवश्यक हिस्सा होना चाहिए ताकि हम बीमारियों से बच सकें। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर बचाव के अन्य उपायों का पालन करने के साथ ही थोड़े समय अंतराल के बाद साबुन से हाथ धोना बेहद आवश्यक है।





