नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय के चुनावों से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) को नापाक वैश्विक गठजोड़ करार दिया जो कांग्रेस के साथ आतंक और अशांति के दौर की वापसी चाहता है। उनके इस बयान पर कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई और टिप्पणी को निराधार बताते हुए इन दलों ने मंत्री पर निशाना साधा।
एक के बाद एक कई ट्वीट कर शाह ने पीएजीडी को गुपकर गैंग करार दिया और आरोप लगाया कि वह जम्मू कश्मीर में विदेशी ताकतों का हस्तक्षेप चाहता है। उन्होंने कहा, कांग्रेस और गुपगर गैंग जम्मू कश्मीर को आतंक और अशांति के युग में वापस ले जाना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाकर हमने वहां के दलितों, महिलाओं और आदिवासियों को जो अधिकार प्रदान किए हैं उसे वे वापस लेना चाहते हैं। यही कारण है कि उन्हें देश की जनता हर जगह से खारिज कर रही है।
शाह का यह बयान जिला विकास परिषद के 25 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनावों से पहले आया है। केंद्र द्वारा पिछले साल पांच अगस्त को राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर और लद्दाख- में विभाजित करने के फैसले के बाद राज्य में यह पहली राजनीतिक कवायद है। शाह ने जोर देकर कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा।
उन्होंने कहा, भारत की जनता राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बने नापाक गठबंधन को बर्दाश्त नहीं करेगी। गुपकर गैंग या तो राष्ट्रीय भावना के अनुरूप चले, नहीं तो देश की जनता उसे डुबो देगी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से पीएजीडी के कदमों पर पार्टी का रुख साफ करने को कहा। उन्होंने कहा, गुपकर गैंग ने भारत के तिरंगे का भी अपमान किया है। क्या सोनिया जी और राहुल जी गुपकर गैंग के ऐसे कदमों का समर्थन करते हैं? उन्हें भारत के लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि इस मामले में शाह का बयान भ्रामक, शरारतपूर्ण और सरासर झूठ है।