कानपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय गंगा परिषद् की पहली बैठक में नमामि गंगे परियोजना पर मंथन किया। उन्होंने राष्ट्रीय कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन की बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री चकेरी हवाई अड्डे पर उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। बैठक में पांच राज्यों उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गंगा की स्थिति को लेकर मंथन किया गया। प्रधानमंत्री ने इन प्रदेशों में गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए अभी तक जो भी कार्य हुए हैं, उनकी समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता कि अविरलता और निर्मलता पर ध्यान केंद्रित करते हुए गंगा नदी की स्वच्छता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि मां गंगा उपमहाद्वीप की सबसे पवित्र नदी है और इसके कायाकल्प को सहयोगात्मक संघवाद के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में देखा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा का कायाकल्प देश के लिए दीर्घकाल से लंबित चुनौती है।





