श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ हुई दो मुठभेड़ों में आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और अल-बदर के चार आतंकवादी मारे गए। मारे गए इन आतंकवादियों में वे आतंकवादी भी शामिल हैं जिन्होंने गत शुक्रवार को प्रांतीय सेना के एक जवान की हत्या कर दी थी। उस समय जवान ड्यूटी पर नहीं था। यह जानकारी पुलिस ने दी।
इसके साथ, अनंतनाग और शोपियां में शनिवार को शुरू हुई मुठभेड़ों में मारे गए आतंकवादियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है क्योंकि एक आतंकवादी मुठभेड़ के शुरुआत में मारा गया था। पुलिस ने बताया कि तौसीफ अहमद भट और आमिर हुसैन गनी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके में स्थित सेमथान में तब मुठभेड़ में मारे गए जब उन्होंने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया और तलाशी अभियान चला रहे सुरक्षा बलों के दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की। मारे गए दोनों आतंकवादी बिजबेहरा इलाके से थे और लश्कर-ए-तैयबा के के सदस्य थे।
एक अधिकारी ने कहा, दोनों कई आतंकी अपराधों में वांछित थे जिसमें प्रांतीय सेना के जवान मोहम्मद सलीम अखून की गत शुक्रवार को गोरीवन बिजबेहारा स्थित उनके घर के पास हत्या शामिल है। आतंकवादियों ने जवान की तब हत्या कर दी जब वह ड्यूटी पर नहीं थे। दोनों आतंकवादी सीआरपीएफ के एक दल पर हमले के एक मामले में भी वांछित थे जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इलाके में फंसे सभी नागरिकों को निकाल लिया और रात में अभियान रोक दिया था।
अधिकारी ने कहा कि तड़के अभियान फिर से शुरू किया गया और इसमें दोनों आतंकवादी मारे गए। उन्होंने कहा कि आतंकवादी क्षेत्र में नागरिकों को डराने एवं धमकाने और युवाओं को आतंकवादी समूह में शामिल करने के लिए उकसाने में लिप्त थे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, भट 2017 से सक्रिय था और गनी वर्ष 2018 में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ था। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा, सेना के जवान की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को दो दिन के भीतर बिजबेहरा मुठभेड़ में मार गिराया गया। घटनास्थल से दो एके राइफल सहित हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किया गया।
आईजीपी ने कहा कि शोपियां मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों में से एक हाल में ही आतंकवादी बना था और सुरक्षा बलों ने उसे आत्मसमर्पण के वास्ते राजी करने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन अन्य आतंकवादियों ने उसे ऐसा नहीं करने दिया। कुमार ने कहा, अभिभावकों ने भी अपील की, लेकिन अन्य आतंकवादियों ने उसे आत्मसमर्पण नहीं करने दिया। उन्होंने मारे गए आतंकवादियों की पहचान आसिफ अहमद गनई और फैजल गुलजार गनई के रूप में की। दोनों चित्रग्राम कलां के निवासी थे। मारे गए तीसरे आतंकवादी की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फैजल नाबालिग था और हाल ही में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ था। अभियान के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी की और रेबन बांदपावा क्षेत्र के बागों में तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने का अवसर दिया गया लेकिन उन्होंने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। आईजीपी ने कहा कि शुरुआती जवाबी गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया।
अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने का एक और मौका देने के लिए अभियान रोक दिया गया। आईजीपी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने बहुत अधिक संयम बरता और वहां छुपे आतंकवादी फैजल गुलजार के परिवार के सदस्यों को वहां लाए ताकि वे उसे आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि हालांकि परिवार के सदस्यों द्वारा बार-बार अपील करने और सुरक्षा बलों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बावजूद, अन्य आतंकवादियों ने उसे आत्मसमर्पण नहीं करने दिया।
उन्होंने कहा कि तड़के भीषण गोलाबारी में दोनों फंसे हुए आतंकवादी मारे गए और मुठभेड़ स्थल से तीनों के शव बरामद किए गए। उन्होंने कहा, पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वे कई आतंकी मामलों में शामिल समूहों का हिस्सा थे और आतंककवादी संगठन अल-बदर से जुड़े थे। मुठभेड़ स्थल से एक एके -56 राइफल और दो पिस्तौल के अलावा अन्य सामग्री और गोला-बारूद सहित अन्य हथियार बरामद किए गए।