विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री बोले-भारत के प्रति अमेरिकी नीति दुर्भाज्ञपूर्ण मोड़ ले रही है

नयी दिल्ली। विश्व बैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के प्रति अमेरिकी आर्थिक नीति ने दुर्भाज्ञपूर्ण मोड़ ले लिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति कठोर रुख हैरान करने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में कुछ गतिरोध के संकेतों के बीच भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की बुधवार को घोषणा की।

इसके अलावा ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया है। इस घोषणा को भारत पर अमेरिका की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। बसु ने एजेंसी से कहा,भारत के प्रति अमेरिकी आर्थिक नीति ने दुर्भाज्ञपूर्ण मोड़ ले लिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ बड़ा व्यापार घाटा होने का हवाला देते हुए भारतीय आयातों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है। बसु ने कहा,हालांकि भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा केवल 41 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो चीन (270 अरब अमेरिकी डॉलर) या वियतनाम जैसे छोटे देशों (113 अरब अमेरिकी डॉलर) के साथ घाटे के आसपास भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को अत्यधिक कर वसूलने वाला करार दिया है। बसु ने कहा,भारत के खिलाफ यह कठोर रुख चौंकाने वाला लगता है, हालांकि यह भारत के डोनाल्ड ट्रंप का निर्विवाद समर्थक बनने का ही परिणाम है।उन्होंने कहा,अमेरिका अब भारत को पहले से कहीं कम आंक रहा है। भारत पहले अपनी स्वतंत्र आवाज के लिए जाना जाता था।वर्तमान में कॉर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बसु ने कहा कि अमेरिकी नीति का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य भारत के कृषि और दुग्ध क्षेत्र तक पहुंचना है। उन्होंने कहा, अगर भारत अमेरिकी मांगों के आगे झुक जाता है और अमेरिका की मांगों के अनुरूप समझौता करता है तो इसका भारत के किसानों और कृषि क्षेत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बसु ने कहा कि हाल ही में अधिशेष श्रम में वृद्धि के कारण भारत का कृषि क्षेत्र पहले से ही संकटग्रस्त है।

इसलिए उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और भारत दोनों ही इस स्थिति के प्रति संवेदनशीलता दिखाएंगे।ट्रंप ने शुल्क की घोषणा करते हुए भारत के उच्च शुल्क, रूस से अधिकतर सैन्य उपकरणों व ऊर्जा की खरीद साथ ही गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाओं को सूचीबद्ध किया।उन्होंने कहा कि भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और जुर्माना देना होगा। भारत के साथ हमारा व्यापार घाटा बहुत बड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने हालांकि सोशल मीडिया पर भारत को एक बार फिर अपना दोस्त बताया। उन्होंने लिखा,यद्यपि भारत हमारा मित्र है, फिर भी हमने पिछले कुछ वर्ष में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है क्योंकि उनके शुल्क बहुत अधिक हैं जो विश्व में सर्वाधिक हैं। उनके यहां सबसे कठोर गैर-मौद्रिक व्यापार अवरोध हैं। ट्रंप ने कहा कि इसके अलावा उन्होंने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का बड़ा हिस्सा रूस से खरीदा है और वह चीन के साथ, रूस के ऊर्जा के सबसे बड़े खरीदार हैं। वह भी ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं बंद करे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा,सब कुछ ठीक नहीं है इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क के साथ-साथ जुर्माना भी देना होगा।

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