लखनऊ। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को चार सहायक रीजनल ट्रांसपोर्ट अफसर (एआरटीओ) सहित पांच को निलंबित कर दिया है। दो एआरटीओ कन्नौज बस हादसे के मामले में लापरवाही पाए जाने पर निलंबित किये गए हैं।
कन्नौज मामले में परिवहन मंत्री के आदेश में जिन दो परिवहन विभाग के अफसरों को निलंबित किया है उनमे फरुर्खाबाद के मौजूदा एआरटीओ शांतिभूषण पांडेय और पूर्व में इसी पद पर तैनात मोहम्मद हसीब शामिल हैं। इन दोनो के निलंबन के साथ परिवहन आयुक्त को पांडेय और हसीब के खिलाफ मुकदमा लिखाने के निर्देश भी दिए हैं। हसीब इस समय हमीरपुर में तैनात हैं।
सनद रहे कि 10 जनवरी को कन्नौज में शुक्रवार रात भीषण सड़क हादसा हो गया था जिसमे जीटी रोड हाइवे पर डबल डेकर बस और ट्रक में टक्कर हो गई, जिसके बाद बस में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 21 लोग घायल हो गए थे। यह हादसा तब हुआ था जब बस कन्नौज के गुरसहायगंज से जयपुर जा रही थी। कन्नौज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया था कि बस में करीब 43 लोग सवार थे। उन्होंने बताया था कि बस फरुर्खाबाद की थी। 26 यात्री गुरसहायगंज और 17 यात्री छिबरामऊ से सवार हुए थे।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह पता लगा कि इमरजेंसी गेट के सामने सीट होने और बस की लम्बाई मानकों से ज्यादा होने की वजह से जान-माल का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि मानकों की अनदेखी करके गाडी को फिटनेस सर्टिफिकेट देने के आरोप में दोनों अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। मोहम्मद हसीब, जो 2018 में एआरटीओ के पद पर तैनात थे उनको निलंबित किया गया है। शांतिभूषण पांडेय जो मौजूदा समय में आरटीओ के पद पर तैनात हैं, उनके खिलाफ 2019 में बस को फिटनेस देने के आरोप में कार्रवाई हुई है। इसके साथ ही दोनों अधिकारीयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश परिवहन आयुक्त को दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि हसीब के खिलाफ एक गाड़ी फर्जी तरीके से किसी और के नाम दर्ज करने का भी मामला है। हसीब ने फरुर्खाबाद में तैनाती के दौरान अनीत कुमार गुप्ता की गाडी गलत तरीके से ट्रांसफर करके ममता राठौर के नाम से दर्ज कर दिया गया था। हसीब को इस मामले में भी निलंबित किया गया है। उनके साथ वरिष्ठ सहायक फरुर्खाबाद अभिषेक त्रिपाठी को भी निलंबित किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि एक अन्य मामले में रायबरेली में ऑडिट रिपोर्ट में 9 लाख रुपये का गबन पाया गया है। गबन के दौरान संजय तिवारी और पुष्पांजलि मित्रा गौतम एआरटीओ के पद पर तैनात थे और उनकी वित्तीय अनियमितता रोकना उनकी जिम्मेदारी थी। इस तरह चार एआरटीओ मोहम्मद हसीब, शांति•ाूषण पांडेय, संजय तिवारी और पुष्पांजलि मित्रा गौतम सहित वरिष्ठ सहायक को निलंबित किया गया है।