लखनऊ। लोक सेवाओं के रिक्त पदों में सीधी भर्ती के क्रम में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस संबंध में बुधवार को विधानसभा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 पेश किया गया।
राज्य में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की वर्तमान योजना के अतिरिक्त नागरिकों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के व्यक्तियों के पक्ष में लोक सेवाओं तथा पदों में 10 प्रतिशत आरक्षण और उससे संबंधित या आनुषांगिक मामलों का उपबंध करने के लिए एक विधि बनाने का निश्चय किया गया है।
विधेयक में स्पष्ट दिया है कि कमजोर वर्ग का मतलब यह है। ऐसे व्यक्ति जिनके पास 5 एकड़ और उससे अधिक भूमि न हो, एक हजार वर्गफुट और उससे अधिक का आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगर पालिकाओं में सौ वर्ग गज और उससे अधिक का आवासीय भूखण्ड व अधिसूचित नगर पालिकाओं से भिन्न क्षेत्रों में दो सौ वर्ग गज और उससे अधिक का आवासीय भूखण्ड न हो।
ऐसे कमजोर वर्ग के लोगों के परिवारों की आय और उनकी सम्पत्तियां, तहसीलदार द्वारा प्रमाणित की जायेंगी तभी उन्हें यह सुविधाएं प्राप्त होंगी।