नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मंगलवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को खतरनाक पदार्थों के भंडारण एवं प्रबंधन के लिए एक महीने के भीतर आपातकालीन योजना को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश तब दिया जब उसे यह सूचित किया गया कि 697 टन अमोनियम नाइट्रेट वाले 37 कंटेनर उस डेटोनेटर निर्माण इकाई के पास भेजे गए हैं, जिसके पास तेलंगाना में अमोनियम नाइट्रेट के लिए लाइसेंस है। इस मुद्दे पर चेन्नई स्थित एक कंटेनर फ्रेट स्टेशन पर 700 टन से अधिक अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण के बारे में मीडिया में आई खबरों को संज्ञान में लेने के बाद विचार किया गया।
अमोनियम नाइट्रेट एक विस्फोटक पदार्थ है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को बताया कि 697 टन अमोनियम नाइट्रेट वाले कुल 37 कंटेनरों को तेलंगाना में साल्वो एक्सप्लोसिव्स एंड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड को भेजा गया है। अधिकरण ने उल्लेखित किया कि तमिलनाडु के औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशक, चेन्नई जिला मजिस्ट्रेट ने भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रुख को दोहराया है।
पीठ ने कहा, चूंकि पदार्थ को अब हटा दिया गया है और तेलंगाना में स्थानांतरित कर दिया गया है, इसलिए लेट ऑफ-साइट और ऑन-साइट आपातकालीन योजनाओं को खतरनाक रासायनिक निर्माण, भंडारण और आयात नियम, 1989 के (नियम 13 और 14 के) अनुसार अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, जिसका समन्वय संयुक्त रूप से सीपीसीबी और राज्य पीसीबी द्वारा सभी संबंधित प्राधिकारियों और इकाइयों के साथ किया जा सकता है। अमोनियम नाइट्रेट का उच्च-नाइट्रोजन उर्वरक के रूप में कृषि कार्य में उपयोग किया जाता है।