किसानों व पशुपालकों को दी जाये आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण

मुख्य सचिव ने की नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक

विशेष संवाददाता लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के संचालन एवं लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से अनुदान की धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण की आवश्यकता का आकलन करते हुए किसानों व पशुपालकों को उनके दैनिक कार्यों में उपयोगी आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण तथा उन्हें आन फार्म ट्रेनिंग दी जाए।

मुख्य सचिव सोमवार को नन्द बाबा दुग्ध मिशन की स्टेट स्टीयरिंग कमेटी की बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एकेटीयू लखनऊ एवं आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेटर सेंटर उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से डेयरी प्रोसेसिंग एवं पशुपालन क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने तथा नवीन तकनीक के विकास के लिए इन संस्थाओं का सहयोग लिया जाये।

हितधारकों एवं प्रगतिशील किसानों को भी अन्य प्रदेश में एक्सपोजर विजिट कार्यक्रम में सम्मिलित किया जाए। उन्होंने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत किए जा रहे अभिनव प्रयासों एवं संचालित योजनाओं को ग्राम स्तर पर पशुपालकों एवं किसानों तक पहुंचाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से समन्वय करते हुए प्रचार-प्रसार की प्रभावी कार्ययोजना क्रियान्वित करायी जाये।

कम्युनिटी रेडियो, रबी व खरीफ गोष्ठियों एवं विभागीय फील्ड स्तरीय कार्यक्रमों के माध्यम से अभिनव प्रयासों व योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये, साथ ही वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिये होर्डिंग्स, पैम्फलेट, वॉल राइटिंग आदि अन्य प्रचार माध्यमों का भी उपयोग किया जाये।

डेयरी एवं पशुपालन से सम्बन्धित किसानों का डाटाबेस तैयार कराने के लिए प्रथम चरण में 565 लाख रुपये की लागत से ‘सिंगल साइन आन पोर्टल’ तैयार कराने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया। दूध में अपमिश्रण व मिलावट की शिकायतें प्राप्त होने पर आसानी से मिलावट की जांच करने के लिए दुग्ध अपमिश्रण जांच किट की व्यवस्था करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।

किसान भाइयों के लिए पशु गर्भधारण जांच किट एवं थनैला रोग की प्रारम्भिक अवस्था में ही जांच करने के लिए थनैला जांच किट का वितरण पीसीडीएफ, एमपीसी, प्राइवेट डेयरी प्रसंस्करण कंपनियों के माध्यम से 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। इससे किसानो को किट के लिए लगभग 100 रुपये का ही भुगतान करना पड़ेगा।

इसके अतिरिक्त मिशन के अन्तर्गत आधुनिक तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए पशु गर्भधारण किट एवं भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के प्रयोग को भी स्वीकृति प्रदान की गई। विभिन्न प्रकार की जांच किट के वितरण में 2 करोड़ से अधिक की धनराशि व्यय की जायेगी।

इसके अलावा अति हिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र, रहमान खेड़ा में सेक्स/शार्टेड सीमन के लिए पूंजिगत आवश्यकता के लिए 150 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। मिशन के अन्तर्गत संचालित नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के लक्ष्य को 35 से बढ़ाकर 50 किये जाने की मंजूरी प्रदान की गई।

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