सिर्फ ऑनलाइन लिए जायें उद्यमियों के आवेदन : मुख्य सचिव

  • उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी विभागीय कार्रवाई

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने रविवार को सभी संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों और प्रमुख सचिवों को यह सुनिश्चित करने के निए निर्देशित किया है कि उद्यम या औद्योगिक इकाइयों की स्थापना या संचालन के लिए ज़रूरी विभिन्न स्वीकृतियां लेने के लिए उद्यमियों के आवेदन बिना किसी अपवाद के केवल ऑनलाइन माध्यम से ही स्वीकार किये जायें।

तिवारी ने कड़ी विभागीय और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए विभागों को निर्देश दिये हैं कि वे सिंगल विंडो पोर्टल, निवेश मित्र पर उपलब्ध ऑनलाइन सेवाओं के लिए उद्यमियों के आवेदनों की ऑफलाइन लेने पर पूरी तरह से प्रतिबंध के लिए बिना कोई देर किये शासनादेश जारी करें।

मुख्य सचिव ने कहा है कि पहले से जारी आदेशों के बाद भी ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ विभागों द्वारा या तो ऑफलाइन आवेदनों को स्वीकार किया जा रहा है या फिर निवेश मित्र पर मिले ऑनलाइन आवेदनों की ऑफलाइन प्रोसेसिंग (कार्यवाही) के लिए उद्यमियों को ज़रूरी दस्तावेजों की हार्डकॉपी कार्यालय में जमा करने और व्यक्तिगत रूप से विभागीय कार्यालयों आने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

तिवारी ने कहा है कि इस प्रकार का काम अस्वीकार्य है और उत्तर प्रदेश में व्यापार करने में आसानी (ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस) में सुधार के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के विपरीत है। इसलिए संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिवों या प्रमुख सचिवों को निर्देश दिये गये हैं कि वे तीन महीने की स्टैब्लाइज़ेशन अवधि में छूट के साथ सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र पर दी गयी ऑनलाइन सेवाओं के लिए उद्यमियों के आवेदनों की ऑफलाइन लेने को कड़ाई से प्रतिबंधित करने के लिए तुरंत शासनादेश जारी करें। स्टैब्लाइज़ेशन अवधि के बाद अगर अधिकारियों ने उद्यमियों को अपने कार्यालय में किसी भी दस्तावेज की हार्डकॉपी जमा करने या व्यक्तिगत रूप से कार्यालय आने के लिए कहा तो दंडात्मक विभागीय कार्यवाही की जायेगी।

मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिवों एवं प्रमुख सचिवों को निर्देश दिया है कि वे मासिक आधार पर इन निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा करें और इसका उल्लंघन करने वाले किसी भी अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करें। इसके अलावा विभागों को 31 दिसंबर तक इस आशय से जारी किये गये शासनादेश की कॉपी ‘इन्वेस्ट यूपी’ को देने के आदेश दिये गये हैं। ये निर्देश मुख्य सचिव द्वारा एक शासनादेश के माध्यम से विभिन्न संबंधित विभागों, जैसे- कृषि, राजस्व, राज्य कर, आबकारी, श्रम, स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन, बांट-माप, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, आवास एवं शहरी नियोजन, लोक निर्माण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास, गृह, भूतत्व एवं खनिकर्म, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं जनसंपर्क, नमामि गंगे और वित्त विभाग को जारी किये गये हैं।

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