लखनऊ। यूपी के लोगों को फिलहाल महंगी बिजली का झटका नहीं लगेगा। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को निर्णय लिया है कि इस साल वर्तमान बिजली टैरिफ आदेश ही लागू रहेगा। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को दीपावली पर बड़ी राहत देते हुए आयोग ने फैसला किया है कि इस साल न बिजली महंगी होगी और न स्लैब बदलेगा।
घरेलू से लेकर उद्योग तक की बिजली दरें पिछले साल की तरह ही रहेंगी। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के बिजली दर स्लैब परिवर्तन संबंधी प्रस्ताव पर यह फैसला दिया। इसके अलावा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं और व्यापारियों को मिनिमम चार्ज में भी कुछ राहत दी गयी है।
उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्कता टैरिफ प्रस्ताव सहित स्लैब परिवर्तन और वर्ष 2018-19 के लिए दाखिल प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह और सदस्य केके शर्मा व वीके श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए आदेश किया कि इस वर्ष बिजली दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया जायेगा। वर्तमान लागू टैरिफ ही आगे लागू रहेगा। आयोग ने बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन को सिरे से नामंजूर कर दिया।
कोरोना काल में आम से लेकर खास तक अर्थिक रूप से कमजोर हो गये हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की मांग थी कि बिजली दरें न बढ़ायी जायें। आयोग ने उपभोक्ताओं की मांगों पर गंभीरता से विचार करने के बाद यह फैसला किया। इसके साथ ही वर्ष 2020-21 के लिए कुल दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता 70792 करोड़ की जगह केवल 65175 करोड़ ही अनुमोदित किया गया है। बिजली कंपनियों द्वारा मांगी गयी वितरण हानियां 17.90 प्रतिशत को खारिज करते हुए मात्र 11.54 प्रतिशत अनुमोदित किया गया। इस प्रकार बिजली कंपनियों के ऊपर वर्ष 2020-21 में पुन: उपभोक्ताओं का लगभग 800 करोड़ रुपये ज्यादा निकल रहा है।
आयोग ने यह भी आदेश दिया कि स्मार्ट मीटर पर आने वाले सभी खर्च का भार उपभोक्ताओं पर नहीं लादा जायेगा। स्मार्ट मीटर के मामले में पांच किलोवाट तक आरसीडीसी फीस मात्र 50 रुपये प्रति जाब और पांच किलोवाट के ऊपर 100 रुपये प्रति जाब अनुमोदित की गयी है। अभी तक बिजली कंपनियां आरसीडीसी फीस 600 रुपये वसूल कर रही थीं। प्रीपेड उपभोक्तओं अब आरसीडीसी फीस नहीं वसूल होगी।