लखनऊ। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज़ रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश में चल रहे मतदाता जागरूकता अभियान (स्वीप) से हटाने का फैसला लिया गया है। निर्वाचन आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि रिंकू सिंह की तस्वीरें और वीडियो प्रचार सामग्री से तुरंत हटा दिए जाएं।
निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि रिंकू सिंह को यूथ आइकन के रूप में अभियान से जोड़ा गया था, लेकिन हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) की मछलीशहर लोकसभा सीट से सांसद प्रिया सरोज से उनकी सगाई के बाद अब उनकी राजनीतिक संबद्धता स्पष्ट हो गई है। आयोग का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और राजनीतिक तटस्थता बनाए रखने के लिए यह फैसला जरूरी था।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति जो किसी राजनीतिक पार्टी से किसी भी रूप में जुड़ जाता है, उसे मतदाता जागरूकता जैसे तटस्थ अभियानों में शामिल नहीं किया जा सकता। इसी आधार पर रिंकू सिंह को राज्य स्तरीय स्वीप आइकन के पद से हटाने का निर्णय लिया गया है।
जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि सभी प्रचार सामग्री जैसे पोस्टर, वीडियो, वेबसाइट और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी रिंकू सिंह की छवि हटाई जाए।
गौरतलब है कि जून 2025 में रिंकू सिंह ने सपा सांसद प्रिया सरोज से सगाई की थी। यह सगाई लखनऊ के एक भव्य होटल में संपन्न हुई थी, जिसमें समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, डिंपल यादव समेत कई बड़े नेता शामिल हुए थे। इस सगाई के बाद रिंकू और प्रिया को कई बार सार्वजनिक आयोजनों में एक साथ देखा गया, जिससे राजनीतिक जुड़ाव और अधिक स्पष्ट हो गया।
रिंकू सिंह को अब तक एक गैर-राजनीतिक युवा प्रतीक के तौर पर देखा जाता था, लेकिन सगाई के बाद उनकी छवि में बदलाव आया, जिसे निर्वाचन आयोग ने गंभीरता से लिया।
क्या है स्वीप अभियान?
स्वीप (व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) भारत निर्वाचन आयोग की एक पहल है, जिसका मकसद देश में मतदाता जागरूकता फैलाना और मतदान प्रतिशत बढ़ाना है। इसमें यूथ आइकन्स, सेलिब्रिटीज और सामाजिक प्रभावशाली व्यक्तियों को शामिल कर जनमानस को मतदान के लिए प्रेरित किया जाता है।