कानपुर। जिले के चौबेपुर में गुरुवार रात अपराधियों के साथ मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई तथा पांच पुलिस कर्मी, एक होमगार्ड का जवान और एक आम नागरिक घायल हो गए। इसके बाद शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में पुलिस ने दो बदमाशों को मार गिराया।
पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक अपराधी कल रात को मुठभेड़ के बाद पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन ले गए, जिनमें एके 47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक ग्लाक पिस्तौल तथा दो नाइन एमएम पिस्तौल शामिल हैं।
पुलिस से लूटा गया एक हथियार बरामद
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार सुबह मारे गए दोनों अपराधियों में से एक के पास से पुलिस से लूटा गया एक हथियार बरामद कर लिया गया है। कुछ आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं जिनकी तलाश पुलिस के साथ एसटीएफ भी कर रही है। पुलिस ने शुक्रवार बताया कि चौबेपुर थाने के दिकरू गांव में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकडऩे के लिए गुरुवार की देर रात पुलिस टीम गई थी। दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पुलिस दल पर अचानक हुआ हमला
पुलिस दल जैसे ही दुबे के छिपने के ठिकाने पर पहुंचा, अचानक छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गई और पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कांस्टेबल की इस गोलीबारी में मौत हो गई। शुक्रवार सुबह कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने घटनास्थल से फोन पर बताया, कल रात की घटना के बाद सुबह निवादा के पास भागे अपराधियों के साथ एक अन्य मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए हैं, जिनकी पहचान प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे के रूप में हुई है।
रात में शहीद पुलिसकर्मियों से लूटे गए हथियारों में से एक पिस्तौल शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मारे गए एक अपराधी के पास से बरामद हो गई है। उधर कानपुर में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि सात घायलों में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक हैं। घायलों में थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हैं।
इससे पहले आईजी अग्रवाल ने बताया कि फरार अपराधियों के पीछे पुलिस लगी हुई है। जल्द ही वे भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। पुलिस महानिदेशक एच सी अवस्थी ने सुबह बताया था कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है जिसके ऊपर 60 मुकदमे दर्ज हैं। कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कराया था।
शहीद पुलिसकर्मियों में शामिल
मृतकों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डीएसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह (32), उप निरीक्षक नेबू लाल (48), कांस्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं। दुबे के ऊपर 25 हजार रूपये का इनाम घोषित था। उसे एसटीएफ ने राजधानी के कृष्णानगर इलाके से 2017 में गिरफ्तार किया था।
उसके पास से एक स्वचालित राइफल और काफी संख्या में कारतूस बरामद किए गए थे। डीजीपी ने बताया कि दुबे पर दबिश डालने के लिए दिकरु गाँव में एक पुलिस दल मौके पर पहुंचा जहां पुलिस को रोकने के लिए अपराधियों ने पहले से ही जेसीबी आदि लगाकर रास्ता रोक रखा था।
उन्होंने कहा कि पुलिस दल के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस टीम पर गोली चलाना शुरू कर दिया जिसमें पुलिस के आठ लोग शहीद हो गए जिनमें एक पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और 4 कांस्टेबल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक मौके पर पहुंच गए। कानपुर की फोरेंसिक टीम जाँच कर रही है। लखनऊ से भी एक फोरेंसिक टीम जा रही है।
अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कानपुर नगर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले आठ पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी है।
पुलिसकर्मियों की शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।