शिक्षा नीति में है वंचितों के लिए सामान सहभागिता : आनंदीबेन पटेल

  • ऐसे छात्र गढ़ने होंगे जो सही मायनों में ग्लोबल सिटीजन हों

  • राज्यपाल ने किया राजश्री टंडन यूनिवर्सिटी के कानपुर सेंटर का शिलान्यास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षा के सभी स्तरों पर वंचित समूहों की समान सहभागिता सुनिश्चित की गयी है और उनमें विशेष रूप से वंचित महिलाओं की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिसमें पहला कदम शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेंडर समावेशी फंड की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति सबके लिए आसान पहुंच, समानता, गुणवत्ता और जवाबदेही के आधारभूत स्तंभों पर निर्मित है। इस शिक्षा नीति में हर विद्यार्थी में रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित कर, उसमें निहित अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है।

राज्यपाल ने राजभवन से उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय कानपुर के नये निर्मित होने वाले भवन का ऑनलाइन शिलान्यास करते हुए कहा कि कानपुर में विश्वविद्यालय का अपना क्षेत्रीय कार्यालय भवन बन जाने से उस क्षेत्र के विद्यार्थियों को सुविधा हो जायेगी। उन्होंने कहा कि समाज का एक ऐसा वर्ग है, जो घरेलू दिनचर्या या व्यावसायिक व्यस्तताओं के कारण कक्षाओं में नियमित अध्ययन नहीं कर सकता, वह मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से गुणात्मक शिक्षा ग्रहण कर सकता है।

आनंदीबेन पटेल ने उच्च शिक्षण संस्थाओं से अपेक्षा व्यक्त करते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण ई-पाठयवस्तु क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों द्वारा विकसित किये जाएं। उच्चतर शिक्षा प्रणाली में शिक्षण और पठन-पाठन ऐसा होना चाहिए, जो विद्यार्थियों में अन्वेषण, समाधान, तार्किकता और रचनात्मकता विकसित करें।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जाये जो चरित्र निर्माण, नैतिकता, करूणा और संवेदनशीलता का भाव विकसित करे और रोजगार योग्य भी बनाये। उन्होंने कहा कि वास्तव में शिक्षा के माध्यम से हमें ऐसे विद्यार्थियों को गढ़ना है जो राष्ट्र-गौरव के साथ-साथ विश्व-कल्याण से ओत-प्रोत हो और वे सही मायने में ‘ग्लोबल सिटिजन’ बन सकें।

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि देश के स्वाधीनता आन्दोलन में कानपुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसे उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है। यह नगर सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र और जूट की मिलों के रूप में प्रसिद्ध रहा है। प्लास्टिक उद्योग, इंजीनियरिंग तथा इस्पात के कारखानों, बिस्कुट आदि बनाने के कारखाने पूरे जिले में लगे हुए हैं। यहां बड़े उद्योगों के साथ छोटे-छोटे अनेक कल-कारखानें स्थापित हैं।

उन्होंने कहा कि इन कारखानों में लाखों लोग काम करते हैं। वे लोग काम के साथ अपनी पढ़ाई भी करना चाहते हैं तो उनके लिए उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय एक वरदान साबित हो सकता है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा दिनेश शर्मा का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह, अनेक विद्वतजन एवं शिक्षक भी आनलाइन जुड़े हुए थे।

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