पटरी पर आ रही हैं प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां : सुरेश खन्ना

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त, संसदीय कार्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने शनिवार को राजस्व के आंकड़े साझा करते हुए कहा कि राज्य की आर्थिक गतिविधियां जो कोरोना संक्रमण की वजह से अप्रैल और मई महीने में शिथिल हो गयी थी अब रकार उसको धीरे-धीरे पटरी पर ला रही है। उन्होंने कहा कि अब आर्थिक गतिविधयां उसी रफ़्तार से चलने वाली हैं, जैसे फरवरी से पहले चल रही थी।

खन्ना ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विशेष रूप से जो अप्रैल, मई और जून में स्थिति रही, जुलाई में हम काफी बेहतर स्थिति में पहुंच गए हैं।

उन्होंने बताया की पिछले साल जुलाई में सरकार का जो संग्रह था कर राजस्व का वह 10926.36 करोड़ रुपये था इस वित्तीय वर्ष में जुलाई में 10675.42 करोड़ पहुंच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में इसी महीने की तुलना में 97.7 प्रतिशत है। पिछले साल जो जुलाई में स्थिति थी हम लगभग उसके पास पहुंच गये हैं।

वित्त मंत्री ने राजस्व के अलग-अलग मदों के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि जुलाई 2019 में जीएसटी कलेक्शन 6564.88 करोड़ था, जो साल 6024.16 करोड़ है। इस तरह जुलाई 2019 में जो 4862.58 करोड़ रुपये राजस्व मिला था, उसकी तुलना में इस साल जुलाई का संग्रह 4120.62 करोड़ है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल जुलाई में राज्य का जीएसटी 1850.71 करोड़ था, उसकी तुलना में पिछले महीने तक 1799.81 करोड़ मिला है। पिछले साल जुलाई में इंटीग्रेटेड जीएसटी का कलेक्शन 3011.87 करोड़ था, वह इस साल इसी महीने में 2320.81 करोड़ है।

खन्ना ने कहा कि पिछले साल के मुक़ाबले में 2020 में कुछ मदों में राजस्व बढ़ा भी है। जैसे वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) का कलेक्शन पिछले साल जुलाई में 1702.3 करोड़ रुपये था। इस साल जुलाई में वैट कलेक्शन बढ़ कर 1903.54 करोड़ हो गया है।

इसी तरह पिछले साल जुलाई में आबकारी, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन और परिवहन से 4214.27 करोड़ राजस्व मिला था। इस साल जुलाई में इस मदों में कुल 4472.72 करोड़ है।

भूतत्व एवं खनिकर्म का पिछले साल जुलाई में राजस्व 147.21 करोड़ था। वह भी इस बार जुलाई में बढ़ कर 178.54 करोड़ है। इस तरह पिछले साल के जुलाई तक मिले कुल राजस्व 10926.36 करोड़ की तुलना में इस बार का कलेक्शन 10675.42 करोड़ रहा जो 97.7 फीसदी है।

वित्तीय प्रबंधन बनाये रखने के लिए अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल को बधाई देते हुए मंत्री ने कहा कि उन्होंने काफी हद तक वित्तीय अनुशासन बना कर रखा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष तौर पर समय-समय पर निर्देश देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने अपने कर्मचारियों को समय से वेतन दिया और उसमे भी एक भी दिन का विलम्ब नहीं हुआ।

इसके अलावा चाहे पेंशन हो या जितने भी सेवा संबंधी कार्य हैं उसमे भी किसी तरह की कोई कटौती नहीं करी। तो यह अपने आप में दिखता है इस हम इन परिस्थितियों में भी जब तीन महीने हमारा राजस्व बहुत प्रभावित रहा हम वित्तीय अनुशासन बनाये रखने में सफल रहे।

 

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