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सिंगल यूज़ प्लास्टिक से पीडब्लूडी बनाएगा 1,500 किलोमीटर सड़कें
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बुधवार को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की आवश्यकता पर विशेष जोर देते हुए कहा है कि समाज का हर व्यक्ति संवेदनशील व सजग होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करें। समाज निर्माण और पर्यावरण प्रदूषण मुक्त भारत के निर्माण में हर व्यक्ति अपना अमूल्य योगदान दे।
मौर्य राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के मौके पर पीडब्लू मुख्यालय मे पौधरोपण करने के बात अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस साल पीडब्लूडी द्वारा 1,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण सिगिल यूज्ड वेस्ट प्लास्टिक के इस्तेमाल से किया जायेगा। इसमें लगभग 2 हजार टन सिंगल यूज्ड प्लास्टिक इस्तेमाल किया जायेगा। इससे जहां एक तरफ वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग हो सकेगा, वही प्रदुषण नियंत्रण में सहायता मिलेगी।
साथ ही साथ सिंगल यूज प्लास्टिक का सड़कों में उपयोग करने से सड़कों की लागत में कमी आएगी। इसमें विटूमिन की मात्रा अपेक्षाकृत कम लगती है, जिससे सड़कों के निर्माण लागत में भी कमी आती है और साधारण सड़कों की अपेक्षा सिंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से बनी सड़कें ज्यादा मजबूत होती है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पीडब्लूडी द्वारा नयी तकनीक का इस्तेमाल करके 16 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लायी गयी है। इस तरह विभाग जहां सड़को को बना रहा है, वही सामाजिक सरोकारों से जुड़े कामों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इसी कड़ी में हर्बल वाटिकाओं का निर्माण, हर्बल रोडो का निर्माण, शहीदों व मेघावी छात्रों और खेल प्रतिभाओं के नाम पर सड़कें बनाकर जहां पीडब्लू लोगों को आवागमन की सुविधाएं मुहैया करा रहा है, वही छात्रों ,खिलाड़ियों व सैन्य बलो का उत्साहवर्धन भी कर रहा है।
मौर्य ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण समय की प्रबल ज़रूरत है इसलिए हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के साथ ही साथ लोगों को इस विषय में जागरूक करें और ज़्यादा से ज़्यादा वृक्षारोपण करके प्रदूषण मुक्त भारत के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी व कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन तो करें ही, साथ साथ में समाज के निर्माण में भी अपना योगदान दें। इस मौके पर उन्होंने पीडब्लू मुख्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया और ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में हर्बल पौधों को लगाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।