लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को तीन माह का सेवा विस्तार मिल सकता है। डीजीपी ओपी सिंह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं। इस संबंध में शासन स्तर पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि सेवा विस्तार के संबंध में शीघ्र ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
डीजीपी ओपी सिंह वर्ष 1983 बैच के आइपीएस अफसर हैं। 31 जनवरी 2020 को रिटायर हो रहे हैं। रिटायरमेंट के बाद वह अपने लिए एक अगले ठिकाने की तलाश में भी हैं। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश डीजीपी ओपी सिंह मुख्य सूचना आयुक्त के पद की दौड़ में शामिल हैं। मुख्य सूचना आयुक्त पर नियुक्ति के लिए सरकार ने 20 दिसंबर तक आवेदन मांगे थे। खबरों के मुताबिक, प्रशासनिक सुधार विभाग में इस पद के लिए करीब 50 आवेदन पत्र जमा हुए हैं, जिनमें एक आवदेन उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह का भी है।
लेकिन इसी बीच शासन पर उनके सेवा विस्तार की चर्चा होने से ये कयास लगाये जा रहे हैं कि उनको तीन माह का विस्तार मिल सकता है। बताया जा रहा है कि सूबे के दो जिलों लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कराने मेें डीजीपी ओपी सिंह की भूमिका बहुत अहम मानी जा रही है। अगर सोमवार को कैबिनेट में इस प्रणाली को मंजूरी मिल जाती है तो इस पूरे नये सिस्टम को सही तरह से अमली जामा
पहनाना सरकार के लिये बड़ी चुनौती होगी। ऐसे में ओपी सिंह को सेवानिवृत्त करने से पूर्व सरकार को एक बार सोचना जरूर होगा। वह कभी नहीं चाहेगी कि एक जांच-परखे अधिकारी की बजाए वह नये चेहरे पर दांव लगाना शायद ही पसंद करे। समझा जा रहा है कि पुलिस कमिश्नर की तैनाती को देखते हुए उनका कार्यकाल बढ़ सकता है।
शनिवार को पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर सीएम के साथ हुई बैठक में डीजीपी ओपी सिंह के सेवा विस्तार पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि उनके सेवा विस्तार पर भी सहमति बन गयी है।