नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संभल में संरचनाओं की तोड़फोड़ पर उसके फैसले का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ता से संबंधित हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ता मोहम्मद गयूर की ओर से पेश वकील से कहा, इसे हाई कोर्ट में दाखिल करें।
पीठ ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की छूट देते हुए कहा, हमें लगता है कि इस मुद्दे से संबंधित उच्च न्यायालय सबसे बेहतर तरीके से निपट सकता है। अधिवक्ता चांद कुरैशी के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर 2024 के उस फैसले का उल्लंघन किया है जिसमें अखिल भारतीय दिशा-निर्देश तय किए गए थे और बिना पूर्व कारण बताओ नोटिस के संपत्ति को ध्वस्त करने पर रोक लगाई गई थी तथा पीड़ित पक्ष को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था।
याचिका में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश के संभल में अधिकारियों ने 10-11 जनवरी को याचिकाकर्ता या उसके परिवार के सदस्यों को बिना किसी पूर्व सूचना या अवसर दिए उसकी संपत्ति का एक हिस्सा गिरा दिया था।